देश का सर्वश्रेष्ठ नौकरी आईएएस लेकिन, अब यहां कुछ और देखा जा रहा है. कड़ी मेहनत से आईएएस परीक्षा पास करने के बाद बत्ती वाली गाड़ी रुतबा, इज्जत प्रतिष्ठा, मान, सम्मान मिलने के बावजूद भी चेहरे पर चमक कम पर गया है. इसका वजह जहां तक मैं समझ पा रहा हूं शायद वही आप भी समझ रहे होंगें. आप क्या समझ रहे हो पूरा पोस्ट पढ़ने से पहले या बाद में कमेन्ट बॉक्स में जरूर बताना.
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Why IAS Officer Quit their Job
मेरी समझ के अनुसार आज नेता का बेटा नेता आसानी से बन जाता है. शुरुआत में कुछ भी करो क्रिकेट ही खेलो या Australia में इश्क लड़ाओ वक्त आने पर नेता जी अपनी कुर्सी बेटा के नाम कर ही देते हैं. लेकिन आईएएस के बेटा के लिए आईएएस बनना आसान नहीं है. पढाई के लिए सभी सुविधा अच्छे कोचिंग संस्थान में दाखिला दिलवाना तो आसान है लेकिन PRE, Mains और Interview में कोई और मदद नहीं कर सकता है. इसके अलावे आईएएस ऑफिसर को एक नेता का सुनना होता है उसके आज्ञा का पालन करना होता है. ऐसे में एक पढ़े लिखे प्रतिष्ठित व्यक्ति के लिए पांचवीं पास या आठवीं फ़ैल का जी हुजूरी करना संभव नहीं हो पाता है और वह आगे विकल्प कि तलाश में खुद राजनीतिक सफर का आगाज़ कर देता है.
बीते कुछ दिनों से एक के बाद एक आईएएस अधिकारी (IAS Officers) नौकरियां छोड़ रहे हैं. वो सरकार की नीतियों का विरोध कर रहे हैं. सवाल है कि क्या उनके लिए स्थितियां इतनी विपरित हैं या वजह कुछ और है क्या वह राजनीति में आना चाहते हैं या अपना खुद का व्यवसाय या कोई स्टार्टअप शुरू करना चाहते हैं. कई ऐसे आईएएस अधिकारी हैं जो आईएएस कि नौकरी छोड़ अपना व्यवसाय कर रहे हैं.
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एक के बाद एक आईएएस ऑफिसर नौकरी छोड़ रहे हैं. इसके पीछे क्या कारन हो सकता है कुछ के बारें में हमने ऊपर बात किया. दक्षिण कन्नड़ के डिप्टी कमिश्नर शशिकांत सेंथिल (Sasikanth Senthil) ने अपनी नौकरी से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने निजी वजहों से इस्तीफा देने का स्टेटमेंट जारी किया है. सेंथिल ने लिखा है कि मौजूदा दौर में जब हमारे विविधतापूर्ण लोकतंत्र के सभी संस्थान अभूतपूर्व तरीके से समझौता कर रहे हैं, ऐसे में उनका काम जारी रखना अनैतिक होगा. सेंथिल ने आगे लिखा है कि आने वाला वक्त हमारे देश के मूल स्वभाव के लिए और भी चुनौतीपूर्ण होने वाला है. इसलिए ये बेहतर होगा कि वो IAS सेवा से बाहर रखकर लोगों के जीवन में भलाई लाने वाला काम करें.
इससे साफ़ जाहिर होता है इतनी मेहनत से पढाई करने का कोई महत्व नहीं है. अब इन्हें भी समझ आ रहा है हर जगह अराजकता फ़ैल चुका है ऐसे में ईमानदार लोगों के लिए काम करना बहुत मुश्किल हो गया है. अब आप ही बताओ इस देश का भविष्य क्या होगा? यह कोई पहला कदम नहीं है इससे पहले 2012 बैच के IAS अधिकारी कन्नन गोपीनाथन ने भी अपनी नौकरी से इस्तीफा दे दिया था. कनन्न गोपीनाथ ने कश्मीर में जनता के मौलिक अधिकारों के हनन का सवाल उठाते हुए नौकरी छोड़ी थी. उनका मानना था कि सरकार ने अनुच्छेद 370 खत्म कर कश्मीर की जनता के साथ अन्याय किया है.
गोपीनाथन और सेंथिल दोनों ही काबिल आईएएस अधिकारी थे. कन्नन गोपीनाथन 2018 में केरल में आई बाढ़ से लोगों को बचाने के लिए सामने आकर चर्चा में आए थे. वहीं 2009 बैच के आईएएस अधिकारी शशिकांत सेंथिल यूपीएससी एग्जाम (UPSC Exam) में तमिलनाडु से टॉपर रहे थे. इन्हीं दोनों की तरह इस साल जनवरी में शाह फैसल ने कश्मीर में हो रही हिंसा के विरोध में सरकारी नौकरी छोड़ दी थी. शाह फैसल भी आईएएस टॉपर रहे हैं.
एक के बाद एक क्यों नौकरी छोड़ रहे आईएएस अफसर?
आने वाले उम्मीदवार के लिए यह बहुत बड़ा सवाल है. आखिर ऐसा क्या है? इस चमक दमक और रुतबा के पीछे का सच क्या है? क्यूं, एक के बाद एक आईएएस अफसर नौकरी छोड़ रहे हैं? देश की जिस सबसे बड़ी और रसूख वाली सरकारी नौकरी हासिल करने का सपना हर युवा देखता है, उसको लोग छोड़ क्यों रहे हैं? कड़ी मेहनत से नौकरी हासिल करने के बाद एक झटके में इस्तीफा दे देने के पीछे असल वजह क्या है?
हाल के इन तीनों आईएएस अधिकारियों ने सरकार से विरोध जताते हुए अपनी नौकरी छोड़ी है. तो क्या अफसरों का मौजूदा सरकार के साथ काम करना मुश्किल हो गया है? क्या सरकार अफसरों के साथ ज्यादा सख्ती दिखा रही है? या सरकार के संवैधानिक संस्थाओं को नुकसान पहुंचाने के जो आरोप लगते हैं वो सही हैं?
क्या आप जानते हैं IAS Transfer Posting कैसे होता है?
सबसे पहली बात कि ऐसा नहीं है कि इसी सरकार में ही आईएएस अधिकारी नौकरियों से इस्तीफा दे रहे हैं. कई बार बेहतर संभावना की तलाश में भी अधिकारी सबसे बड़ी नौकरी को लात मार देते हैं. 2000 बैच के आईएएस अधिकारी डॉ सैयद सबाहत आजिम 2010 में अपनी कंपनी शुरू करने के लिए आईएएस की नौकरी छोड़ दी थी.
बेहतर संभावना की तलाश में भी नौकरी छोड़ते हैं अफसर
क्या आप जानते हैं? पुलिस कमिश्नर, पद का गरिमा क्या होता है? कितना पॉवर और इज्जत इस पद को मिलता है? लेकिन, इन सब के बावजूद 1997 बैच के आईपीएस अधिकारी राजन सिंह ने 2005 में पुलिस कमिश्नर के पद से इस्तीफा दे दिया. इसके बाद उन्होंने पेंसिलवेनिया के एक एमबीए स्कूल में दाखिला लिया. वहां से पढ़ाई करने के बाद राजन सिंह ने अपनी ऑनलाइन कंपनी edutech startup ConceptOwl के नाम से अपनी कंपनी शुरू किया है.
इसी तरह से 1982 बैच के आईएएस अधिकारी परवेश शर्मा ने 34 साल की नौकरी के बाद वॉलेंटियरी रिटायरमेंट ली. नौकरी छोड़ने के बाद 2016 में उन्होंने सब्जियों और फलों की रिटेल चेन खोली. उन्होंने किसानों को सीधे कंज्मूर प्रोवाइड करने का काम शुरू किया. इनके कंपनी का नाम Kamatan Farm Tech Pvt Ltd है.
ऐसे कई उदाहरण हैं, जिसमें बेहतर संभावनाओं की तलाश में आईएएस जैसे बड़े सरकारी पदों पर बैठे लोगों ने नौकरी छोड़ दी. दूसरी अहम बात है कि चाहे देश की सबसे बड़ी नौकरी ही सही लेकिन है ये नौकरी ही है. इसमें बाकी नौकरियों की तरह तनाव और प्रेशर होता है.
IAS की नौकरी में भी होता है तनाव और प्रेशर
IPS की नौकरी से इस्तीफा देने वाले राजन सिंह कोरा पर लिखते हैं कि मैंने आईपीएस बनने के लिए बहुत कड़ी मेहनत जरूर किया था. लेकिन नौकरी हासिल करने के बाद उससे भी 100 गुना ज्यादा मेहनत करनी पड़ रहा था. इसलिए मैंने नौकरी छोड़ दिया. राजन सिंह कहते हैं कि मैंने कई लाचार और बेबस आईएएस और आईपीएस अफसर देखा है. वो योग्यता और क्षमता में स्तरहीन थे.
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राजन सिंह ने लिखा है कि सिस्टम काम नहीं करता है और आप इसको फिक्स नहीं कर सकते है. सारे लोग लाचार और बेबस दिखते हैं. नकारे लोगों की पूरी लेयर होती है. एक के बाद एक नकारे लोग मिलते जाते हैं. हालांकि राजन सिंह कहते हैं कि इसी में हम काम करना सीख भी लेते हैं.
उन्होंने लिखा है कि पहली बार मुझे राष्ट्रपति के दौरे का इंतजाम करना था. मुझे इसमें 15 दिन लग गए. लेकिन, दूसरी बार राष्ट्रपति का दौरा हुआ तो मैंने सिर्फ 2-3 दिन में सारे काम निपटा दिए. राजन सिंह कहते हैं कि सभी लोग नेता, आपके सीनियर, आपके जूनियर आपको दबाने में लगे रहते हैं. लेकिन ये भी सच्चाई है कि राजन सिंह जिन मजबूरियों और जिस हालात की चर्चा कर नौकरी छोड़ देते हैं, वो तकरीबन सभी नौकरियों में होती है.
बड़ी नौकरी के अपने जोखिम हैं
आईएएस सबसे बड़ी नौकरी है. लेकिन इसके अधिकारियों को भी नेताओं और मंत्रियों से दबकर काम करना पड़ता है. कई बार इसी का दवाब को झेला नहीं जाता और अधिकारी नौकरी छोड़ देते हैं. आईएएस सबसे बड़ी नौकरी है तो बड़े पद को संभालना भी उतना ही जोखिमपूर्ण है. ऐसे अधिकारियों की भरमार है जो नौकरी में रहते हुए जबरदस्त तरीके से फायदा उठा रहे हैं.
मोदी सरकार ने अधिकारियों पर सख्ती भी दिखाई है. 2015 में परफॉर्म नहीं करने वाले 13 ब्यूरोक्रैट्स को मोदी सरकार ने नौकरी से हटा दिया. करीब 45 अधिकारियों के पेंशन के पैसे काट लिए. अभी कुछ दिन पहले खबर आई कि सरकार करीब एक हजार आईएएस अधिकारियों के कामों को रिव्यू कर रही है. इनमें से जिन्होंने 25 साल की सर्विस पूरी कर ली हो या फिर 50 की उम्र में पहुंच गए हों, उनकी ज्यादा सख्ती से निगरानी की जा रही थी. सरकार ने लापरवाही और काम नहीं करने वाले अधिकारियों को दंडित करना शुरू किया.
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राजनीति में जाने के लिए अधिकारियों ने छोड़ी नौकरी
2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले कई आईएएस अफसरों ने इसलिए नौकरी छोड़ दी क्योंकि उन्हें राजनीति में जाना था. सितंबर 2018 में ओडिशा कैडर की आईएएस अधिकारी अपराजिता सारंगी ने वॉलेंटियरी रिटायरमेंट ले लिया. इन्होंने नौकरी छोड़कर बीजेपी जॉइन कर लिया. सांरगी ने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि ‘मैं लोगों के लिए काम करना चाहती हूं और राजनीति इसके लिए सबसे अच्छा प्लेटफॉर्म है.’ इसी तरह से 2005 बैच के आईएएस अफसर ओपी चौधरी ने नौकरी से इस्तीफा दे दिया. दो दिन बाद इन्होंने भी बीजेपी जॉइन कर लिया. छत्तीसगढ़ से बीजेपी ने इन्हें अपना उम्मीदवार बनाया.
Conclusion Why IAS Officer Quit their Job
ऐसे कई उदाहरण हैं. आईएएस सबसे बड़ी सरकारी नौकरी है. लेकिन नौकरी की मजबूरियां होती हैं और संभावनाएं सिर्फ आईएएस तक जाकर ही खत्म नहीं होती है. कुछ लोग अफसाने को अंजाम न देकर एक खूबसूरत मोड़ देकर छोड़ जाते हैं. आगे भी ये सिलसिला देखने को मिलता रहेगा. यदि आप UPSC कि तैयारी कर रहे हैं तो इसे बीच में नहीं छोड़ना है. पहले आईएएस बनिए फिर छोड़ने के बारें में विचार कीजिये.
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