हेलो दोस्तों, नया साल शुरू होने को आ रहा है, और साल 2018 ख़त्म होने को जा रहा है। जैसा की हम सभी जानते है, हर साल हम सभी नए साल की कुछ प्लानिंग करते है, कुछ संकल्प लेते है। और उसे पूरा भी करते है। आप सभी ने भी 2018 में कुछ संकल्प लिए होंगे, और उसे पूरा भी किया होगा। और अब आगे नए साल 2019 की योजना बना रहे होंगे, कुछ संकल्प ले रहे होंगे। जैसे कहाँ-कहाँ जाना है, कौन-कौन से अधूरे काम पुरे करने है, आदि-आदि।
हम सभी ये भी जानते है, की चाहे कोई भी योजना हो या संकल्प हो या फिर कोई भी काम, उन सभी को करने के लिए हम सभी को एक ही चीज की जरुरत होती है। और वो है समय। अगर समय नहीं तो जिंदगी नहीं और जिंदगी नहीं तो, काम नहीं। इससे पहले भी हमने समय क्या है? What is Time in Hindi में एक पोस्ट पब्लिश किया था।
आज हम “समय की प्राथमिकताएं, Priority and Management of Time समय रूपी अमूल्य सम्पति और समय के सदुपयोग के महत्व” आदि पॉइंट्स के बारे में बात करेंगे। हमें उम्मीद है, कि नए साल की योजना और संकल्प में हमारी ये पोस्ट से आपको काफी मदद मिलेगी और यह बहुत पसंद आएगी.
Table of Contents
समय की प्राथमिकता Priority of Time
- इस मनुष्य रूपी जिंदगी में हर किसी के पास कुछ न कुछ काम हमेशा ही रहता है और हम सभी अपने- अपने काम में व्यस्त रहते हैं। व्यस्त रहना अच्छी बात है, लेकिन अस्त-व्यस्त रहना यह बहुत बुरी बात है। हममें से जायदातर लोग हमेशा व्यस्त रहने के वजाय, अस्त-व्यस्त रहते है। अगर सही काम में व्यस्त रहेंगे तो, हमारी जिंदगी उम्मीद से बढ़कर देती है और यदि अस्त-व्यस्त हो जाते है, तो हमारी जिंदगी ही ख़त्म हो जाती है, ऐसे में जिंदगी और समय दोनों ही हमारी हाथों से फिसल जाती है परिणाम हम बर्बाद होते चले जाते है।
- काम हम सभी के पास होता है, बस सबके काम करने के तरीके अलग-अलग होते है। सबकी प्राथमिकताएं अलग होती है। सबका मंजिल अलग होता है। लेकिन हम सभी का उद्देश्य एक ही होता है, और वो है अपनी मंजिल तक पहुंचना। और ईश्वर ने हमें अपनी मंजिल को पूरा करने के लिए, समय के रूप में, हमेशा साथ रहने वाली”1 दिन के रूप में 24 घंटे और इस तरह 1 वर्ष में 365 दिन, और 365 दिन में 8760 घंटे दिए है”। इस तरह आप अनुमान लगा सकते है, की 60 वर्षो में हमारे पास कुल कितने घंटे होते है। और उन 60 वर्षो में हम क्या नहीं प्राप्त कर सकते हैं।
- बस सभी के काम करने के तरीके अलग हो जाते है, प्राथमिकता अलग हो जाती है। लेकिन, काम तो हम सभी के पास होता है और हम प्राथमिकता भी उसी को देते है, देना भी चाहिए। लेकिन अगर हम समय को प्राथमिकता नहीं दिया जाये तो कुछ भी नहीं होगा। इसीलिए सबसे जरुरी है, की हम समय को प्राथमिकता दे और उसका सही से पालन करें तो हमारा काम खुद-ब-खुद होता चला जायेगा। और हम अपनी मंजिल के पास उम्मीद से जल्दी पहुंचेंगे। और उम्मीद से ज्यादा पायेंगें।
समय अमूल्य है Time is Priceless
- अमूल्य एक ऐसा शब्द है, जिसका कोई मूल्य ना हो। अंग्रेजी में इसे Priceless कहते है या तो वो बेशकीमती हो, या फिर वो बेकार हो। लेकिन समय के लिए तो ये दोनों ही शब्द कम है।
- कहते हैं कि, समय अपनी गति से भाग रही है और मनुष्य की साँसे भी गिनी हुई है। हमारी एक सांस के साथ जीवन की इस अमूल्य निधि की एक इकाई कम हो जाती है। इस तरह एक-एक इकाइयां ख़त्म होती जाये तो एक दिन जीवन की पूंजी भी चूक जाती है। उस समय मृत्यु दूत बनकर लेने आ जाते है और हम सिर्फ हाथ मलते रह जाते हैं। कहते है की “अगर हम धन को बर्बाद करते है, तो सिर्फ धन को गवांते है, लेकिन अगर हमने समय को बर्बाद किया तो अपनी जिंदगी का एक हिस्सा ही गवां देते है“।
- समय को ईश्वर ने इस सृष्टि में सबसे बलवान बनाया है। समय किसी की प्रतीक्षा नहीं करती, किसी के लिए नहीं रूकती और न ही कभी वापिस मिलती है। अगर समय के साथ चलो तो “किस्मत बदल जाएगी।और ना चलो तो किस्मत को ही बदल देगी। शायद इसीलिए समय को “सच्चाई का पिता” भी कहा जाता है, क्यूंकि सच हो या झूठ समय के साथ सभी चीजे अपने आप सामने आ जाती है। इसके साथ सबकुछ परिपक्व भी हो जाती है। इसिलए इसे सच्चाई का जनक भी कहा जाता है। इस दुनिया में समय ही वह धन है, जो सभी को सामान रूप में और सिमित मात्रा में मिली है। अगर ये धन एक बार हाथ से निकल गया तो कभी वापिस नहीं आएगा, इसीलिए इस अमूल्य धन को सोच-समझकर खर्चा करना चाहिए।
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समय रूपी सम्पति Time is Wealth
- अगर हम समय रूपी सम्पति की तुलना इस सांसारिक धन-वैभव या फिर भौतिक सुखो से करे तो वह गलत होगा। समय तो एक ऐसी सम्पति है, जिसके मामले में प्रकृति ने न तो किसी को अमीर बनाया न ही किसी को गरीब। उसने सभी को मुक्त हाथ से अपना ये अमूल्य वैभव देकर इस धरती पर श्रम की सामर्थ्य और समय का अनुदान देकर जीवन के इस जंग को लड़ने भेजा है।
- समय जैसे मूल्यवान सम्पदा का भंडार भरा होते हुए भी, जो उसका सही खर्च कर धन-ज्ञान तथा लोकहित को नहीं पा सकते, उनसे अधिक अज्ञानी कौन होगा। समय एक ऐसी पूंजी है, जिसे अगर हमने खर्च नहीं किया तो “यह पूंजी अपने आप खर्च हो जाती है, साथ-साथ हमें भी खर्च कर देती है”। क्यूंकि न तो हम कृपण बनकर उसे सोने-चाँदी की तरह जोड़कर रख सकते है, और न ही अन्य सम्पति की तरह उसपर अधिकार जमा सकते हैं। समय के मालिक हम तभी तक है, जब तक की उसका सही सदुपयोग न कर लें।
- दिन-रात के 24 घंटे मिलकर कम नहीं होते। इस समय को हम किस प्रकार बिता रहे है, इसका अगर एक लेखा-जोखा करे तो, हमें ज्ञात हो जायेगा की हम जी रहे है या फिर समय को व्यर्थ गवांकर एक प्रकार की आत्महत्या कर रहे हैं। इसीलिए समय का अवलोकन बहुत जरुरी है सही जिंदगी जीने के लिए मनुष्य जीवन और रुपया-पैसा से भी अधिक महत्व समय का है। धन का अपव्य निर्धन बनता है। लेकिन, समय का अपव्य आर्थिक परेशानी के साथ-साथ नैतिक तथा सामाजिक बुराइयां और कठनाइयां उत्पन्न करती है। इसीलिए समय को कमाए तो धन की प्राप्ति होगी।
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समय एक व्यापार Time is Business
- ये समय भी कितना अजीब है, हर वक्त ये हमारे साथ व्यापार का काम करती है। चाहे वो गलत काम हो या सही अगर हमें समय मिला है तो ये बदले में हमेशा हमसे कुछ न कुछ लेता रहता है।
- अगर समय का सदुपयोग करे तो, हमारी जिंदगी आबाद हो जाती है। लेकिन, अगर इसका दुरूपयोग करें तो ये जिंदगी को ही बदल देती है। अगर इस पूंजी को जोड़कर रखने की कोशिश करे तो ये अपने आप खर्च भी हो जाती है और साथ-साथ हमें भी खर्च कर देती है। समय किसी का सगा नहीं होता। ये कुछ भी बदल सकता है। “जब समय अच्छा चल रहा हो तो सब काम अपने आप अच्छे हो जाते है, लेकिन अगर समय ख़राब हो तो बनते काम भी बिगड़ने लगते हैं” और इल्जाम हम इंसान के ऊपर लगता है, कि आदमी अच्छा है या बुरा।
- ज्यादातर लोग समय का सही सदुपयोग नहीं कर पाते हैं.
- बचपन में इतना ज्ञात नहीं होता की इसका मूल्य समझें। खेलकूद तथा दोस्तों में यो ही इसे लुटा देते हैं। फिर एक दिन यौवन आ खड़ा होता है। यौवन, समय के बहुमूल्य वरदान के रूप में मिलता है, जिसे अगर तन-मन से बूढ़े न होने दिया जाये तो, इसे अधिक समय तक स्थायी बनाकर अधिक काम कर सकते है। और इसे निर्दयता से खर्च करने पर बुढ़ापा अपनी कमजोर टाँगे और धुंदली आँखों से हमारा स्वागत करती है। तब तक हम निराश हो जाते है और सर पर हाथ रखकर चिंता के सागर में डुब कर सोचते हैं कि भला जब यौवनकल में कुछ नहीं कर सके तो अब क्या कर लेंगें। यही निराशा हमें ले डूबती है, और हम बैठे-बैठे मृत्यु का इन्तजार करते है। लेकिन सच्चा व्यापारी वही होता है, जो घटा होने पर भी व्यापार बंद नहीं करता बल्कि, धीरज तथा बुद्धिमता से पुनः उखड़े पाँव जमा लेता है।
- KFC की शुरुआत Harland Sanders ने 62 साल की उम्र में किया था. कहने का मतलब KFC का पहला Frenchisee 24 September 1952 में खुला था. ऐसा वो 62 साल की उम्र में भी कर लिए क्यूंकि वो तन मन से बूढ़े नहीं हुए थे।
- इसीलिए हमें यह सोचना चाहिए अगर दो-तिहाई जीवन बीत गया तो क्या हुआ। एक-तिहाई जीवन जो बचा हुआ है, उसमे भी बहुत कुछ प्राप्त कर सकते हैं।
- शायद इसीलिए समय को अध्यापक की उपाधि दी गई है। क्यूंकि हमारे मानवीय दैनिक जीवन में पहले हम सीखते हैं, फिर परीक्षा देते है। लेकिन समय पहले हमारी परीक्षा लेती है, फिर सिखाती है।
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समय का महत्व Importance of Time
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- समय ही जीवन है, समय ही उत्कर्ष है, समय ही महानता की उच्चतम शिखर तक चढ़ने की सीढ़ी है। “समय एक तरह का डॉक्टर भी है”। कहते है समय के साथ बड़े से बड़ा घाव भी भर जाता है। इसीलिए जब समय अच्छा हो तो घमंड नहीं करना चाहिए और समय बुरा हो तो सब्र करना चाहिए और सही कर्म करना चाहिए। क्यूंकि, वक्त के साथ हर घाव भर जाता है और सबकुछ ठीक हो जाता है।
- समय को महाकाल की उपाधि दी गई है
- जो महाकाल की उपासना के स्वरुप को समझ गया, उसी को मृत्युंजय बनने का सौभाग्य मिला और किसी के साथ मखौल किया जा सकता है, लेकिन महाकाल के साथ नहीं।
- सिंह के दन्त गिनने की गलती किसी को नहीं करनी चाहिए।
- समय की दुरूपयोग की भूल अपने भाग्य और भविष्य को ठुकराने-लतियाने की तरह है।
- जिसने समय गवाया उसने उत्कर्ष और आनंद का द्वार ही बंद कर लिया।
- संसार का कालचक्र भी कही अनियमित नहीं, लोक और दिक्पाल, पृथ्वी और सूर्य चंद्र और अन्य ग्रह वक्त की गति से गतिमान है।
- वक्त की अनियमितता होने से सृष्टि का कोई भी काम नहीं चलता है, धरती तो क्या पुरे ब्रह्माण्ड में यही नियम लागु हैं।
- लोग समय का अनुशासन ना रखे तो सारी सामाजिक व्यवस्था उथल-पुथल हो जाएगी, और मनुष्य को एक मिनट भी सुविधापूर्ण जीना मुश्किल हो जायेगा।
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स्वामी रामदास जी वक्त के सदुपयोग के बारे में बड़े ही महत्वपूर्ण शब्द कहा करते थे।
“एक सदैव पणाचे लक्षण । रिकामा जाऊ ने दो एक क्षण”।।
अर्थात जो मनुष्य वक्त का सदुपयोग करता है, एक क्षण भी बर्बाद नहीं करता बड़ा सौभाग्यवान होता है जिसे समय और समझ दोनों का साथ होता है, जो धन के मामले में व्यवस्थित और मितव्ययी होता है, वही जीवन भर जन-धन का सुख लाभ प्राप्त करता है। ऐसे ही समय के प्रत्येक क्षण का उपयोग कर लेना ही बुद्धिमता है। उन्नति की इच्छा रखने वाले को अपना समय कभी व्यर्थ्य नहीं गवाना चाहिए। समय के सदुपयोग करने में सदैव सावधान रहना चाहिए। क्यूंकि आज जो समय गुजर गया, कल फिर वह आने वाला नहीं है।
हम सभी को भी अपनी रूचि के अनुसार काम करना चाहिए। योजनाबद्ध दिनचर्या बनाये और उसपर आरूढ़ रहे, समयनिष्ठ बने और हर काम समय पर करके अपने जीवन को सफल बनाये।
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Very nice post thanks.
Samay ke upar ye post bahut hi achchhi lagi thanks.
आपने बिलकुल सही लिखा है. अगर किसी ने समय का सही करना सीख लिया उसे सफलता जरूर मिलेगी।
Guruji mujhe aapse baat karni hai aapke contact number mujhe mail kar dijiye please
Jaswant Ji Contact us Page par contact kijiye.