Police Case, FIR (First information report), Arrest aise problems me Women Rights in India in Hindi हमारा देश विकास के पथ पर अग्रसर होते हुए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर आर्थिक और राजनीतिक ताकतों के साथ उभर रहा है.
भारत में नारी को विशेष सम्मान दिया जाता है. हमारे संविधान ने सभी को सामान अधिकार दिया है. चाहे वो महिला हो या पुरुष! आज महिलाएं भी मेहनत कर रही हैं और अपने करियर को लेकर गंभीर हैं.
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Women Rights in Hindi
वेद-वेदांतर से हमें ऐसे प्रमाण मिलते रहते हैं, जिनमें नारी के सामाजिक स्तर की विवेचना की गई है. प्रकृति स्वरूपा नारी को ईश्वरीय शक्तियों के रूप में स्थान मिला है.
कभी ज्ञान दायिनी के रूप में ‘सरस्वती’ वैभवदायिनी के रूप में ‘लक्ष्मी’ तो कभी शक्ति के रूप में ‘चंडी’ का रूप धारण कर नारी ने सर्वत्र पूज्य परमशक्ति के रूप में अपना स्थान बनाया.
लेकिन कभी – कभी कुछ अप्रिय घटना भी सुनने को मिल जाता है. ऐसे में महिलाओं को भी भारतीय कानून द्वारा दिए गए अधिकारों के प्रति जागरुकता होनी चाहिए.
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भारतीय महिला आज पढ़ी-लिखी, सशक्त और समझदार है. आज महिलाएं प्रगति के हर क्षेत्र में अपनी पहचान बना पुरुषों को पीछे छोड़ रही है. लेकिन, शिक्षित होते हुए भी बहुत कम ही कानून से संबंधित बातें जानती हैं.
अपने अधिकारों को पहचाने. यदि आपके पास कानूनी अधिकारों की पूरी जानकारी होगी तो कोई शोषण नहीं कर सकता है.
Women FIR (First Information Report) Rights
पीड़ित महिला थाने में किसी अत्याचार अथवा हिंसा की प्राथमिकी रिपोर्ट FIR दर्ज करवाने के लिए निम्न अधिकारों का प्रयोग कर सकती है.
किसी मित्र या रिश्तेदार के साथ FIR रिपोर्ट दर्ज करवाने जाएं.
हस्ताक्षर (Signature) करने से पहले FIR स्वयं या किसी ऐसे व्यक्ति से पढवाएं जिसपे आपको अटूट भरोसा हो.
FIR की Duplicate Copy फ्री में दी जाती है.
NOTE : यदि पुलिस एफआईआर दर्ज करने से माना करता है तो वरिष्ठ पुलिस अधिकारी अथवा स्थानीय मैजिस्ट्रेट को लिखित आवेदन दे सकते हैं.
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Women Arrest Rights
यदि कोई महिला पुलिस की नजरों में गुनाहगार है और पुलिस उसे गिरफ्तार करने आती है तो महिला अपने इन अधिकारों का उपयोग कर सकती हैं.
- पुलिस से गिरफ्तारी का कारण पूछ सकती है.
- उस वक़्त वकील बुला सकतीं है.
- वकील रखने में असमर्थ महिला मुफ्त कानूनी सलाह की मांग कर सकती है.
- गिरफ्तार महिला को 24 घंटे के अंदर मैजिस्ट्रेट के समक्ष पेश करना अनिवार्य है.
- गिरफ्तारी के समय किसी रिश्तेदार या मित्र को अपने साथ थाना ले जा सकती है.
- गिरफ्तारी के बाद आपको महिलाओं के कमरे में ही रखा जायेगा.
- गिरफ्तारी के समय आपको हथकड़ी न लगाई जाए.
- हथकड़ी सिर्फ मैजिस्ट्रेट के आदेश पर ही लगाई जा सकती है.
- आपको मानवीयता के साथ रखा जाए.
- जोर-जबरदस्ती करना गैरकानूनी है.
- पुलिस दुर्व्यवहार किए जाने पर मैजिस्ट्रेट से डाक्टरी जांच की मांग कर सकती है.
- डाक्टरी जांच सिर्फ महिला डाक्टर ही कर सकती है.
Police Torture
महिला अपराधियों के साथ पूछताछ के दौरान कभी-कभी छेड़छाड़ के मामले भी सामने आते हैं. ऐसी स्थिति में इन अधिकारों का प्रयोग कर सकते हैं
- पूछताछ के लिए थाने में या कहीं और बुलाए जाने पर महिला इंकार कर सकती है.
- पूछताछ सिर्फ महिला के घर पर तथा परिवार के सदस्यों की उपस्थिति में ही की जाए.
- तलाशी सिर्फ दूसरी महिला द्वारा ही शालीन तरीके से ली जा सकती है.
- तलाशी से पहले आरोपी महिला पुलिसकर्मी की तलाशी ले सकती है.
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Summary
अगर कोई अपरिहार्य स्थिति न हो तो किसी महिला को सूरज ढलने के बाद और सूरज उगने से पहले गिरफ्तार नहीं किया जा सकता. गिरफ्तारी के लिए महिला कॉन्स्टेबल का होना अनिवार्य है.
महिला को बिना कानूनी इजाजत के पुलिस थाने में रात के वक्त हिरासत में नहीं रखा जा सकता. बलात्कार पीड़िताओं को मुफ्त कानूनी सहायता का भी अधिकार है.
भारत की प्रस्तावना कहती है कि हम भारत के लोग भारत को एक संपूर्ण प्रभुत्व संपन्न, समाजवादी, पंथनिरपेक्ष, लोकतंत्रात्मक,गणराज्य बनाने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं.
यह जानकारी ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुचाएं ताकि किसी के अधिकारों का हनन न हो सके. इस जानकारी को अपने Social Media Profile पर Share करने के लिए आप सभी को बहुत – बहुत धन्यवाद !
NOTE : इन अधिकारों में समय के साथ परिवर्तन किया जा सकता है.
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मैं माफी चाहूंगा लेकिन मैं इस तरह की बातों को सिर्फ एक अपवाह या गलत जानकारी मानता हूं कि हमारे देश मे महिलाओं के हित मे किसी भी प्रकार का कानून कामगार है।
क्योंके जब भी कोई वास्तविक घटना में पीड़िता न्याय मांगने की कोशिश करती है तो उसे कभी नई मिलता और कानूनी दावपेंच में उलझ के या तो सहन कर लेती है या आत्महत्या ।
मुझे बनाये हुए कानून पर पूरा भरोसा है लेकिन उसके संचालन की उचित व्यवस्था न होने की वजह से ये सिर्फ दुरुपयोग और पैसा बनाने का जरिया रह गया है।
सत्य बोलने के लिए क्षमाप्रार्थी।।।।।
सचिन जी सच्चाई यही है और अपने बिलकुल सच कहा इसके लिए आपको बहुत बहुत धन्यवाद. कानून व्यवस्था के संचंलन का तरीका सही नहीं है. इससे सभी लोग सहमत हैं लेकिन, कुछ कर नहीं सकते. इस पोस्ट में सिर्फ इनफार्मेशन दी गई है. जिससे महिलाएं अपने अधिकारों को जान सके. यदि सभी को इसकी जानकारी हो जाएगी तो शायद इसके सञ्चालन में कुछ सुधर हो सकता है.