सर्च इंजन रैंकिंग अल्गोरिथम कैसे काम करता है? How does Search Engine algorithm work? पिछले पोस्ट में सर्च इंजन के बारें में कई जानकारी दी गई है. पोस्ट बहुत बड़ा न हो इसके लिए लिए इसे एक और पार्ट में पब्लिश किया गया है. यदि आप नए यूजर हैं तो पहले पुराना पोस्ट भी पढ़िए। Search Engine क्या है? जैसा कि पिछले पोस्ट में बताया Search Engine Algorithm को समझना काफी मुश्किल काम है, मुश्किल इसलिए क्योंकि कोई भी सर्च इंजन अपने एल्गोरिथम के बारे में पूरी जानकारी नही देता और कई सारी चीजों को गोपनीय रखा जाता है।
Google अपने SERP में किसी वेबसाइट की रैंकिंग को निर्धारित करने के लिए 200 से भी अधिक Rules का पालन करता है। लेकिन किसी को भी निश्चित तौर पर इसकी जानकारी नहीं होती है. कोई भी सर्च इंजन हमेशा इसे गोपनीय रखती है. यदि इसके बारें में जानकारी हो तो किसी भी वेबसाइट रैंक कराना बहुत आसान जायेगा जिससे सर्च इंजन मुश्किल बढ़ जाएगी।
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Search Engine क्या है?
इसके बारें में एक डिटेल पोस्ट किया जा चुका है. Search Engine क्या है? वैसे नए यूजर के लिए बहुत शॉर्ट में यहाँ बता देता हूँ. Search Engine एक तरह का वेब बेस्ड सॉफ्टवेयर है. इसका प्रोग्रामिंग कुछ इस तरह किया गया है. जिससे इंटरनेट पर मौजूद सभी डाटा से यूजर द्वारा द्वारा खोजे गए सवालों की सही जानकारी यूजर को देने का काम कर रही है. जो कुछ भी सर्च किया जाता है उसे सर्च टर्म या कीवर्ड कहते हैं और जिस पेज पर सर्च रिजल्ट दिखाया जाता है उसे SERP (Search Engine Page Result) कहते है.
जब भी कोई यूजर गूगल सर्च इंजन में कुछ सर्च करता है तो गूगल अपने अल्गोरिथम के अनुसार इस जानकारी को ढूंढने का काम करता है और पालक झपकते ही एक ईमानदार रिजल्ट हमारे सामने रखता है. यहाँ कुछ Advertisement Link भी दिखाया जाता है जो किसी भी सर्च इंजन के कमाई का मुख्य स्रोत होता है. इंटरनेट सूचनाओं का अथाह सागर है, और प्रतिदिन इसमें कई नई सूचनाएँ जोड़ी जाती है.
Search Engine Algorithm क्या है?
Algorithm एक प्रक्रिया है जिसके तहत सर्च इंजन उपयोगकर्ता के द्वारा खोजी गई जानकारी के लिए सही और सटीक वेब पेजों को रैंक करने के लिए उपयोग करता है। स्पैम को फ़िल्टर कर बेहतर रिजल्ट देने के लिए सर्च इंजन जो कुछ भी करता है वह इस Algorithm में आता है. गूगल हमेशा से यूजर को बेहतरीन सर्विस देने की कोशिश में लगा रहता है और इसी वजह से इसमें लगातर बदलाव करते रहता है.
किसी भी वेब पेज को रैंक देना अल्गोरिथम का यह मुख्य काम है. गूगल सर्च इंजन 200 से ज्यादा Ranking Factor पर किसी भी कंटेंट के क्वालिटी की जाँच करता है. जिससे उपयोगकर्ताओं को सही और सटीक जानकारी मिल सके. यह रैंकिंग फैक्टर मतलब अल्गोरिथम में लगातार बदलाव होने की वजह से समय के साथ SEO का तरीका भी बदलता जा रहा है. जब गूगल अपने रैंकिंग फैक्टर को लगातार बदल रहा है तो किसी भी कंटेंट को रैंक कराने के लिए SEO Stratigies भी अलग तरीके से अप्लाई करना होगा।
आपको यह जानकर हैरानी नहीं होनी चाहिए की गूगल हर साल अपने एल्गोरिथम में 500 से 600 बार या इससे भी ज्यादा बदलाव करता है। यही वजह है कि आज से कुछ साल पहले किसी भी वेबपेज को रैंक कराना बहुत आसान था. लेकिन, अब यह बहुत जटिल प्रक्रिया बन चुका है. गूगल अपने इवेंट में बताती है Backlink का कोई फर्क नहीं पड़ता है. लेकिन, जहाँ तक मैं समझ पा रहा हूँ, कल भी बैकलिंक रैंकिंग फैक्टर था और आगे भी बैकलिंक रैंकिंग फैक्टर बना रहेगा।
सर्च रिजल्ट में सिर्फ वही वेबसाइट दिखाया जाता है जिसका कंटेंट बहुत अच्छा होता है. लेकिन, सच यह भी है कुछ ऐसी भी वेबसाइट है जहाँ बहुत अच्छा कंटेंट है लेकिन, यह टॉप रिजल्ट में नहीं दीखता है. इसका वजह सही तरीके से इस कंटेंट का SEO नहीं किया गया है. High Quality unique Content के साथ Quality Backlink का भी होना जरूरी है.
Search Engine Algorithm
गूगल के अनुसार 200 से ज्यादा Ranking Algorithm है. इसके बारें में किसी को भी पूरी जानकारी नहीं है. डिजिटल मार्केटर एक्सपीरियंस से कुछ रैंकिंग अल्गोरिथम समझ पाते हैं जिसके बारें में वह बताता है. नीचे कुछ जानकारी दी गई है उससे गूगल बाबा को बहुत हद तक समझने में मदद मिलेगा।
Understand Searched Keyword
गूगल बाबा सबसे पहले क्या सर्च किया गया, क्या सर्च किया जा रहा है उसे समझने का प्रयास करता है. सर्च किस भाषा में किया जा रहा है? और क्या सर्च किया जाता है? इसे समझने के बाद वह उसे अपने डेटाबेस में ढूंढने का काम शुरू करता है. जो कीवर्ड सर्च किया गया है उसका समानार्थी शब्द क्या हो सकता है? क्यूंकि गूगल कोई संदीप माहेश्वरी नहीं है. कुछ भी पूछो बता देगा। गूगल के पास कोई जानकारी नहीं है वह इंटरनेट पर मौजूद जानकारी को ढूंढने का काम करता है. यहाँ तक की speling mistakes भी समझ जाता है. यदि गणित से सम्बंधित कोई सवाल है तो कैलकुलेटर भी मिल जाता है. कई बार एक शब्द का कई मतलब होता है. जैसे – कोई एप्पल सर्च करता है तो एप्पल फल दिखाना है या कटा हुआ एप्पल मोबाइल। यदि पहले से कोई टेक्नोलॉजी से संबंधित सर्च ज्यादा करता है तो एप्पल मोबाइल दिखायेगा लेकिन कोई भुक्कड़ सर्च करता है तो उसे पूरा एप्पल दिखाता है. एक शब्द में बताएं तो इस दुनिया में गूगल बहुत ही चालाक प्राणी है. इसी लिए गूगल ने LSI Keyword को ज्यादा ध्यान देना शुरू कर दिया है जो SERP में नीचे दिखाया जाता है.
कुछ ऐसा भी सर्च कभी देखने को मिलता है जो हैरान कर देता है. जैसे यदि कहीं का रास्ता ढूंढों तो ट्रैन कब मिलेगी या बस कब मिलेगी बस नंबर स्टॉपेज की जानकारी तक मिल जाती है. या कभी “restaurant near me” सर्च करो तो आसपास मौजूद रेस्टोरेंट की भी जानकारी रेटिंग के साथ दिखाया जाता है. यह सभी काम गूगल का अल्गोरिथम ही करता है सुन्दर पिचाई का काम कुछ और है. Search query में keywords को पहचानने और उससे जुड़े data को विशेष format में दिखाने का काम बहुत ही शानदार तरीके से गूगल करता है. गूगल इवेंट में भी बताया जाता है हमारा मकसद यूजर को सही और सटीक जानकारी देना है.
Index से मिलान करना
सर्च किये गये Keywords को समझने के बाद गूगल डेटाबेस में इंडेक्स किये गए पेज से इसका मिलान करता है. और जिस पेज की रेटिंग मतलब बैकलिंक, बाउंस रेट और यूनिक डाटा और डिटेल जानकारी होता है उसे ढूंढता है। जबसे हिंदी इंग्लिश और कई अन्य भाषा को इंडेक्स करना शुरू किया है तब से सर्च किये गए भाषा में भी रिजल्ट दिखाने की भी कोशिश करता है.
किसी पेज के चयन से पहले कई अन्य बातों पर भी ध्यान दिया जाता है. जैसे – सर्च किया गया शब्द उस पेज में कितनी बार और कहाँ उपयोग किया गया है. कीवर्ड पेज टाइटल या पर्मालिंक या हैडलाइन या कंटेंट के अंदर मौजूद है. इसे गूगल बाबा का बच्चा मतलब बोट बहुत ही ईमानदारी के साथ करता है कई बार कुछ लोग स्पैम कर या ब्लैक हैट सो की मदद से इसके बच्चा को धोखा दे देते हैं. लेकिन, शातिर जल्द ही इसका पता लगा लेते हैं और उस पेज को हमेशा के लिए अपने डेटाबेस से बाहर का रास्ता दिखा देता है.
Ranking Work
यह काम किसी के लिए भी थोड़ा मुश्किल है लेकिन, मशीन वर्क होने वजह से काम भी आसान है. इन्टरनेट पर करोड़ों वेबपेज है इतने ब्लॉग और और वेबसाइट है कि ऐसी कोई भी जानकारी नहीं है जो यहाँ नहीं हो. करोड़ो वेबपेज में से ऐसे को रैंक देना जो हर तरह से सही और सटीक है इसके गूगल कई अन्य बातों का खाश ख्याल रखता है जो नीचे लिखा गया है.
- जानकारी कब पब्लिश किया गया है और अपडेट है या नहीं?
- वेबसाइट की विश्वसनीयता कितनी है?
- वेबसाइट स्पीड कैसी है?
- वेबसाइट की डिज़ाइन डिवाइस के अनुसार नहीं?
- Search की गयी कीवर्ड पेज में कितनी बार रिपीट हो रही है?
- User experience (UX) का ध्यान रखा गया है या नहीं?
- वेबसाइट का बैकलिंक कैसा है?
- यूजर इस कंटेंट को पसंद कर रहा है या नहीं?
इसके अलावे भी कई बातें है किसी वीडियो में इसके बारें में डिटेल में बात किया जायेगा।
Context का ध्यान रखना
इसके अंतर्गत कुछ अन्य जानकारी जुटाने का प्रयास करता है. जैसे किस लोकेशन से सर्च किया जा रहा है. सर्च इंजन में भी कई फ़िल्टर होता है जिसे यूजर सेट कर सकता है जैसे – जानकारी कितनी पुरानी हो इसमें Past hour, Past 24 hour, Past week इस तरह का फ़िल्टर भी लगा सकते हो.
SERP Preparation
इसके बाद SERP दिखाने के काम करती है. यहाँ यूजर क्या सर्च किया है उसके बारें में सही और सटीक जानकारी देने का काम गूगल करती है. कुछ साल पहले SERP में Web का विकल्प भी दिखाया जाता था लेकिन, अब वेब का विकल्प बंद कर दिया गया है यहाँ सबसे पहले Advertisement दिखाया जाता है यदि कोई Advertiser सर्च किये गए कीवर्ड पर Ad लगा रखा है तो पहले उसे दिखाया जाता है क्यूंकि, गूगल के कमाई का मुख्य स्रोत यही है. इसके बाद इमेज कुछ वीडियो और कई वेबसाइट का लिंक दिखाया जाता है.
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Search Engine Algorithm कैसे काम करता है? इसके बारें में सभी जानकारी देने का प्रयास किया गया उम्मीद है आपको जरूर पसंद आया होगा। यदि इस जानकारी संबंधित आपका कोई प्रश्न है तो कमेंट बॉक्स में जरूर पूछिए। इसे अपने सोशल मीडिया पर भी पर भी शेयर कीजिये जिससे यह जानकारी सभी लोगों को मिले।
Guruji mene blogger par ek Blog banaya hai
Abhi blogger ka sab domain hi hai lakin me domain name change Karna chahata hu monetization ke liye apply bhi kar rakha hai. To koi dikkat to nahin hogi or ek swal aur blogger par monetization ( Adsense) ke liye kab apply karna chahiye
Blog par kitna traffic hai aur abhi tak kitna post publish kiya hai Blog Post Copy paste nahi honi chahiye.