What is Search Engine and How does it work? Search Engine की क्या जरूरत है? सर्च इंजन का शुरुआत कब और कैसे हुआ? आपके मन में कई ऐसा प्रश्न दस्तक दे रहा होगा। हमें किसी भी जानकारी की जरूरत होती है गूगल बाबा के पास पहुंच जाते हैं. हैरत की बात तो यह है यहाँ सभी जानकारी मिल भी जाता है. आखिर गूगल बाबा के पास इतनी जानकारी आती कहाँ से है. आज हम इक्कीसवीं शताब्दी में जी रहे हैं. यहाँ इंटरनेट के बिना सब अधूरा है.
मैं अपने बारें में बताऊँ तो 2008 में मेरे एक दोस्त के पास लैपटॉप हुआ करता था और उस वक़्त मैं किसी साइबर कैफ़े में ही कंप्यूटर का इस्तेमाल करने जाया करता था. 2008 तक न ही कोई कंप्यूटर कोर्स किया था और न ही कंप्यूटर के बारें में ज्यादा कुछ पता था. उस वक़्त आलम यह था इंटरनेट के बगैर भी लैपटॉप में घुसा रहता था क्यूंकि, तब तक इंडिया में सिर्फ 2G internet Service हुआ करता था और स्पीड इतना ज्यादा था कि कोई भी वेबसाइट पालक झपकते ही खुल जाता था. आज के इंटरनेट स्पीड से तूलना किया जाये तो उस वक़्त भी मोबाइल में कुछ गाना डाउनलोड करता था जो आसानी से डाउनलोड हो जाता था. 2G से 4G का सफर तय हो गया है लेकिन, इंटरनेट स्पीड में अभी भी समस्या है.
उस वक़्त इंटरनेट मोबाइल और कंप्यूटर के बारें में इतनी जानकारी नहीं था. कोई कंप्यूटर कोर्स नहीं करने के बावजूद भी गूगल और यूट्यूब की मदद से आज बहुत कुछ सीख चुका हूँ. उस वक़्त इंटरनेट के बिना भी घंटो लैपटॉप, कंप्यूटर और मोबाइल में घुसा रहता था. लेकिन, आज इंटरनेट के बिना स्मार्ट फ़ोन डब्बा फ़ोन से भी बेकार लगता है. ऐसा लगता है जैसे इंटरनेट के बिना कुछ भी नहीं है. अब तो स्मार्ट फ़ोन खरीदते समय दुकान वाला ही एक ईमेल आई डी बना देता है क्यूंकि, जीमेल आई डी के बगैर एंड्राइड फ़ोन में बहुत कुछ नहीं हो सकता है.
अब तो किसी जानकारी के लिए या कुछ भी नया सीखना है और इंटरनेट का इस्तेमाल करना आता है तो कोई भी सीख सकता है. अक्सर दोस्तों के साथ कई बार किसी मुद्दा पर बहस छिड़ जाता है उस वक़्त भी इंरनेट ही इस झगड़ा को शांत करने का एक विकल्प है. घर के आदेशानुसार 12th के बाद मोबाइल इस्तेमाल करने को मिला था. इससे पहले चोरी छुप्पे मोबाइल रखता था. लेकिन, आज बच्चा 7th, 8th में पर्सनल मोबाइल रखता है. इसका इस्तेमाल लाभदायक और हानिकारक भी है. यदि सही से इस्तेमाल नहीं किया तो बर्बाद होने के लिए भी पर्याप्त सामग्री यहाँ उपलब्ध है. यह सब जानकारी सर्च इंजन के मदद से ही मिल पाता है.
Table of Contents
सर्च इंजन क्या है (What is Search Engine in Hindi)
अब वो समय नहीं रहा जब कुछ सीखने के लिए क्लासरूम ही एक मात्र विकल्प था. यदि सीखने की छह है तो इंटरनेट और पर हर तरह का डाटा मौजूद है. Search Engine एक तरह का वेब बेस्ड सॉफ्टवेयर है. इसका प्रोग्रामिंग कुछ इस तरह किया गया है. जिससे इंटरनेट पर मौजूद सभी डाटा से यूजर द्वारा द्वारा खोजे गए सवालों की सही जानकारी यूजर को देने का काम कर रही है. जो कुछ भी सर्च किया जाता है उसे सर्च टर्म या कीवर्ड कहते हैं और जिस पेज पर सर्च रिजल्ट दिखाया जाता है उसे SERP (Search Engine Page Result) कहते है.
इंटरनेट पर कुछ लोग जानकारी अपलोड कर रहे हैं तो कुछ लोग जानकारी ढूंढते हैं. सर्च इंजन अपलोड की गई जानकारी में से खोजा गया जानकारी ढूंढने का काम करती है. गूगल, याहू और बिंग कुछ पॉपुलर सर्च इंजन है. सवाल चाहें कैसा भी हो सभी जानकारी यहाँ उपलब्ध है. हम जैसे न जाने कितने ब्लॉगर हैं जो हर रोज नई जानकारी इंटरनेट पर अपलोड कर रहे हैं. एक समय ऐसा भी था जब गूगल हर ब्लॉग से डाटा निकालकर यूजर को देता था लेकिन, आज ब्लोग्गेर्स इंटरनेट पर डाटा अपलोड करने के बाद गूगल वेबमास्टर में इसे सबमिट करते हैं और गूगल इस रिजल्ट को SERP में ऊपर दिखाए इसके लिए ब्लोग्गेर्स को SEO (Search Engine Optimization) करना होता है.
जब भी कोई यूजर गूगल सर्च इंजन में कुछ सर्च करता है तो गूगल अपने अल्गोरिथम के अनुसार इस जानकारी को ढूंढने का काम करता है और पालक झपकते ही एक ईमानदार रिजल्ट हमारे सामने रखता है. यहाँ कुछ Advertisement Link भी दिखाया जाता है जो किसी भी सर्च इंजन के कमाई का मुख्य स्रोत होता है. इंटरनेट सूचनाओं का अथाह सागर है, और प्रतिदिन इसमें कई नई सूचनाएँ जोड़ी जाती है.
सर्च इंजन का इतिहास
इंटरनेट के शुरुआती दिन मतलब 90 के दशक में कोई Search Engine नहीं था और उस वक़्त Search Engine के नाम पर सिर्फ़ FTP (File Transfer Protocol) का एक Collection था. उस वक़्त इंटरनेट के जरिए जितने भी Network और Servers एक-दूसरे से जुड़े थे उन्ही के बीच Data को Search किया जाता था. Network files या फ़िर Web servers को ढूंढ़ना इतना आसान नहीं था. इसीलिए Search Engine का अविष्कार किया गया। Archie नाम का Content files और Documents को Search करने वाला दुनिया का पहला Search Engine बना. जिसे 10 सितंबर 1990 को शुरू किया गया था। इसे McGill University, Montreal के छात्र Alan Emtage ने शुरू किया था.
इसके बाद ही Search Engine का प्रचलन शुरू हुआ और कई Search Engines सामने आया। जैसे
- 1994 में Infoseek, Galaxy, ALIWEB, Webcrawler, Lycos और Yahoo
- इसके बाद वर्ष 1995 में Excite और AltaVista
- वर्ष 1996 में Inktomi और BackRub देखने को मिला
- वर्ष 1998 में Google, MSN Search और Overture का अविष्कार हुआ.
आज इक्कीसवीं सदी में Google 91.25 % Worldwide users के साथ दुनिया का Most Popular Search Engine बन चुका है।
- Google: 95.25%
- Bing: 3.08%
- Yahoo: 2.13%
- Baidu: 1.48%
- YANDEX RU: 0.25%
- DuckDuckGo: 0.25%
Search Engine कैसे काम करता है?
Search Engine की कार्य-प्रणाली बहुत ही जटिल है. लेकिन यह अपना काम इतने कम समय में करती है जिससे पता भी नहीं चल पाता है इतना काम हो गया. एक सामान्य User के लिए Search Engine के काम करने का तरीका को समझने के लिए कुछ टेक्निकल टर्म को समझना पड़ेगा। सर्च इंजन में जो कुछ भी सर्च किया जाता है उसे Keyword कहते हैं जैसे What is search in Hindi यदि यह सर्च किया जाता है तो यह एक कीवर्ड है. सर्च इंजन तीन स्टेप्स में आपको जानकारी देता है.
Crawling
Crawling का मतलब है ढूंढना। किसी भी वेबसाइट या ब्लॉग के सभी जानकारी को गूगल अपने डेटाबेस में सुरक्षित करती है इसके लिए गूगल क्रॉलर हमेशा इंटरनेट पर मौजूद वेबसाइट की जानकारी लेता रहता है. जानकारी हासिल के लिए पोस्ट टाइटल, मेटा टैग्स, परमा लिंक और कंटेंट में कीवर्ड ढूंढने का काम करती है. वेबपेज में कितना इमेज का इस्तेमाल किया गया है. इसके अलावे इसमें लिंक कहाँ लगा है किसा तरह का लिंक लगा है. यह वेबपेज का बैकलिंक कैसा है डोमेन का डोमेन अथॉरिटी और पेज अथॉरिटी क्या है? कई पारा मीटर चेक किया जाता है इसके बाद कोई कंटेंट SERP में ऊपर दिखाया जाता है.
गूगल क्रॉलर एक सेकंड में करीब 100 से 1000 वेब पेज विजिट करता है. गूगल भी सर्च इंजन को समय के साथ अपडेट करता रहता है जिससे कोई स्पैम पोस्ट SERP में नहीं दिखे। जब भी गूगल बोट को कोई नया पेज मिलता है तो यह क्रॉलर को रिक्वेस्ट भेज देता है जिसके बाद क्रॉलर इसे कई पारा मीटर पर चेक करता है. इसके बाद इसे रैंकिग देता है.
INDEXING
क्रॉलिंग के दौरान जो डाटा मिलता है उन सभी डाटा को एक डेटाबेस में सुरक्षित किया जाता है. जैसे किसी लाइब्रेरी में किताबों को रखा जाता है या किसी मेडिकल स्टोर में दवाइयों को रखा जाता है. इसके बाद सभी डाटा को गूगल अल्गोरिथम चेक करता है. सर्च इंजन डाटा से जुड़ी सभी जानकारी को सुरक्षित करता है जैसे
- यह कंटेंट किस वेबसाइट का है?
- इसमें कितना लिंक इस्तेमाल किया गया है?
- कंटेंट कितना यूनिक है?
- इसे किसने और कब अपलोड किया है?
- कितने और कैसे वेबसाइट से इसे बैकलिंक मिला है?
- कितना कीवर्ड और कहाँ इसका इस्तेमाल किया गया है?
इसके अलावे भी कई जानकारी गूगल सर्च इंजन इकठ्ठा करती है. शायद आपके मन में सवाल हो गूगल कितने पारा मीटर को चेक करता है? तो इसके बारें में गूगल कभी नहीं बताता है इसके बारें में सभी जानकारी गोपनीय राखी जाती है क्यूंकि, यदि यह जानकारी लोगों को मिल जाये तो गूगल के लिए समस्या उत्पन्न हो जाएगी। इसके लिए डिजिटल मार्केटर हमेशा कुछ नया तरीका अपना कर इसे ढूंढने में लगे रहते हैं. जब गूगल को लगता है उनका Search Engine Ranking Factors की गोपनीयता ख़त्म हो रहा है तो इसमें कुछ बदलाव कर देता है.
पिछले गूगल सर्च सम्मलेन में गूगल कर्मचारियों द्वारा बताया गया गूगल स्पाइडर हर रोज तक़रीबन 3 ट्रिलियन से ज्यादा पेज क्रॉल करती है. एक वेबसाइट का होस्टिंग का मैनेज करना लोगों के लिए मुश्किल का काम होता है. यहाँ गूगल पूरी दुनिया का डाटा मैनेज करने का काम कर रही है.
Ranking and Retrieval
इस स्टेप में सर्च इंजन खोजी गयी जानकारी को फ़िल्टर कर यूजर को सटीक और सही जानकारी देने का काम करता है. यह बहुत ही खतरनाक स्टेप है. यहाँ गूगल रैंकिंग देने का काम करती है. समझ सकते हो यह मशीन लैंग्वेज है तो किसी भी वेबसाइट या ब्लॉग को स्पैम करना मुश्किल का काम है. यहाँ सभी पारा मीटर को तय करने के बाद गूगल उसे SERP में जगह देता है. इस SERP को समझने और इसे हैक करने के लिए कई हैकर भी लगातार काम कर रहे हैं. इंटरनेट पर एक ही जानकारी के लिए कई कंटेंट उपलब्ध है. ऐसे में किस वेबपेज को पहले नंबर पर दिखाया जाये इसके लिए गूगल हमेशा कंटेंट फ़िल्टर और इसे Ranking Factor पर चेक करती है. जो कोई भी कंटेंट इन सबमें सबसे ऊपर होता है उसे गूगल सबसे ऊपर दिखती है.
You May Also Read
SEO कैसे करें SEO से ब्लॉग ट्रैफिक कैसे बढ़ाएं?
बाबा बने और करोड़ो का व्यापार करें Baba Business Model
5 बातें जो आपको सफल होने से रोकते हैं उनसे कैसे बचें Success Tips
Blogging Course Structure By Guruji Tips
Digital Marketing Course Structure By Ashutosh Choudhary
Conclusion Search Engine
Serch Engine Kya Hai? इसके बारें में सभी जानकारी आपको दी गई उम्मीद है जरूर पसंद आया होगा। हमरे अनुसार गूगल सबसे अच्छा सर्च इंजन है. यहाँ कई लेटेस्ट टेक्नोलॉजी के साथ हमें सर्च का विकल्प दिया गया है. गूगल अपने अल्गोरिथम में हर साल बदलाव कर रही है जिससे इसकी गोपनीयता बानी रहे. Search Engine क्या है (What is Search Engine in Hindi) और यह कैसे काम करता है? इससे सम्बंधित कोई प्रश्न हो तो नीचे कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।