Personal Financial Planning Kaise Kare आर्थिक रूप से मजबूत होने के लिए पर्सनल फाइनेंसियल प्लानिंग करनी ही होगी. फाइनेंस पर कई जानकारी शेयर किया जा चुका है. यदि फाइनेंस सम्बंधित आपकी कोई रे है और गुरूजी टिप्स पर प्रकाशित करना चाहते हो तो ज्वाइन गुरूजी टिप्स लिंक पर क्लिक कर दे सकते हैं. फाइनेंस की जानकारी रखना बहुत ही अच्छी बात है. अमीर बनने की पहली सीढ़ी वित्तीय शिक्षा है. कुछ लोगों के पास अच्छी अकादमिक और प्रोफेशनल एजुकेशन के साथ बहुत अच्छी नौकरी भी होता है. लेकिन, वह हमेशा पैसा की तंगी में जीना सीख लेता है. इसके विपरीत बहुत कम पढ़े लिखे लोगों के पास बहुत पैसा होता है. इससे साफ़ जाहिर है शिक्षा और पैसा का कोई गहरा रिश्ता नहीं है.
पैसा और शिक्षा का रिश्ता बहुत गहरा है. लेकिन, वह शिक्षा किसी स्कूल, कॉलेज या कोचिंग क्लासेज में नहीं दिया जाता है. वित्तीय शिक्षा की मदद से बहुत अच्छा पैसा बनाया जा सकता है. प्रश्न यह भी उठता है, वित्तीय शिक्षा कैसे मिल सकता है? वित्तीय शिक्षा के लिए कुछ किताब है जिसे पढ़ सकते हैं. किताब का नाम जानने के लिए कमेंट बॉक्स में कमेंट करें.
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पर्सनल फाइनेंस क्या है?
जैसा कि ऊपर बताया गया पैसा और शिक्षा का कोई गहरा रिश्ता नहीं है. अच्छी शिक्षा से उतनी कमाई की जा सकती है. जिससे जीवन यापन अच्छे से हो सके. लेकिन, सिर्फ अकादमिक और प्रोफेशनल शिस्क्षा की मदद से बहुत बड़ा एम्पायर नहीं बनाया जा सकता है. आज जिस किसी के पास भी बहुत बड़ा एम्पायर है. वह या तो किसी बिज़नेस में है या कोई गलत काम में लिप्त है.
पर्सनल फाइनेंसियल प्लानिंग कैसे करें? यह जानने से पहले जरूरी है पर्सनल फाइनेंस क्या है? इसके बारें में जानकारी होनी चाहिए. पर्सनल फाइनेंस में व्यक्तिगत फाइनेंस के बारें में बताया गया है. खुद के पैसे का हिसाब कैसे रखें. खुद के पैसे का हिसाब रखने का मतलब है आय और व्यय का लेखा जोखा रखना. इसके लिए रोज का खर्च लिख सकते हो. रोज का खर्च लिखना बाउट अच्छी बात है. ऐसे लोगों को महीने और साल के खर्च का पता होता है. जब खर्च का हिसाब मिल जाता है तो उनके पास दो विकल्प आता है. पहला कमाई के अनुसार खर्च को कम करना या खर्च करने के लिए कमाई बढ़ाना.
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खर्च दो तरह का होता है. पहला जरूरत (Need) दूसरा चाहिए (Want). ज्यादा पैसा किस तरह के खर्च में करते हो? यह जानना और समझना बहुत जरूरी है. अक्सर मैं जरूरत के साथ चाहिए में भी बहुत पैसे बर्बाद कर देता था. लेकिन, जब से थोड़ी से फाइनेंसियल समझ हुई है. जरूरत की चीज़ों पर खर्च करता हूँ.
पर्सनल फाइनेंसियल प्लानिंग कैसे करें?
पर्सनल फाइनेंसियल प्लांनिग के लिए कुछ बातों को ध्यान में रखना जरूरी है. किसी भी कार्य को सही से करने के लिए प्लानिंग की जरूरत होती है. यहाँ तो बात फाइनेंस की है. अमीर होने का एक मात्र रास्ता फाइनेंसियल एजुकेशन है. इसके बिना अच्छा पैसा कमाने के बावजूद भी एम्पायर नहीं खड़ा किया जा सकता है. यहाँ पांच चरण में पर्सनल फाइनेंसियल फाइनेंसियल करने के बारें में बताया गया है.
#1. आकलन (Estimation)
फाइनेंस का पहला नियम कहता है. कमाई, खर्च और बचत के लिए हम क्या कर रहे हैं? सभी व्यक्ति को अपने कमाई खर्च और बचत के बारें में पता होता है. आने वाले समय में खर्च बढ़ने वाला है. बचत भी कुछ ज्यादा करना होगा इसके लिए जरूरी है अपनी कमाई को बढ़ाया जाये. इसके अलावे यदि आपके पास कोई प्रॉपर्टी है तो उसका कीमत समय के साथ बढ़ रहा है या घाट रहा है या स्थिर है. साथ ही क्या जीवन यापन के लिए हमने किसी से कर्ज भी लिया है? कई हम दूसरों को कुछ कर्ज देते हैं तो क्या आपने किसी को कुछ कर्ज दिया है. इन सभी का एक डिटेल टेबल बनाओ.
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- सभी स्रोतों से मिलने वाला साल का कुल आय क्या है?
- साल में कितना ऋण चुकाना है या खुद को कितना ऋण वापिस मिलने वाला है.
- हमें कितना बचत करना चाहिए?
- हमारा कुल खर्च क्या है? (वर्तमान और भविष्य)
#1. कब क्या चाहिए (Set Target)
कहीं जाने के लिए, कुछ खरीदने के लिए, कब क्या चाहिए मतलब जरूरत के हिसाब से प्लानिंग करना होता है. फाइनेंसियल प्लानिंग में भी कुछ ऐसा ही है. फाइनेंसियल टारगेट में शार्ट टर्म और लॉन्ग टर्म में कब क्या चाहिए, इसका जिक्र जरूर होना चाहिए. सरकार भी पंच वर्षीय योजना बनती है. कई बार आपने सुना होगा, किसी प्रोजेक्ट का शिलान्यास किया गया इसमें इतना और इतना समय लगेगा और अब दिए गए समय में इसे पूरा करने के लिए काम किया जाता है. इसी तरह जीवन में साल, दो साल, पांच साल का एक टारगेट होना चाहिए.
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#3. प्रभावी योजना बनाना (Make Effective Plan)
Effective Plan बहुत जरूरी है. लेकिन, उससे पहले कुछ बातें हमेशा याद रखो. रिच डैड पुअर डैड के लेखक रोबर्ट ने कहा है. पैसा का न होना ही सभी बुराइयों का जड़ है. कुछ लोगों का मानना है. ज्यादा पैसे का होना सभी बुराइयों का जड़ है. आपके अनुसार क्या है कमेंट में जरूर बताना. पैसा के मैनेजमेंट में दो बात का ध्यान दिया गया है या तो अपने खर्च कमाई से कभी ज्यादा मत होने दो या अपने कमाई को लगातार बढ़ाने के लिए काम करो. कभी भी किसी के कर्ज में नहीं जीना चाहिए. यदि कर्ज लेना है तो व्यवसाय के विकास के लिए जरूर लेनी चाहिए. वैसे भी इस दुनिया में जिसके ऊपर कर्ज नहीं है वह सब सुखी इंसान है.
फाइनेंस की कुछ बातें जो हमेशा याद रखनी चाहिए
प्रभावी योजना में साल, महीना, दिन के खर्च और बचत की ओर ध्यान दें. बचत नहीं हो पाता है तो उसका कारण जरूर ढूंढें. बचत करना बहुत जरूरी है. क्यूंकि, जब तक बचत नहीं होगा आगे का प्लानिंग सही से नहीं कर सकते हो. बचत को किसी अच्छे इन्वेस्टमेंट प्लान में इन्वेस्ट कीजिये इसके लिए किसी फाइनेंसियल सलाहकार की मदद ले सकते हैं. शुरूआती समय में शर्त टर्म इन्वेस्टमेंट प्लान में ही इन्वेस्ट करना चाहिए. शुरुआत में जोखिम से भरे निवेश से दूर रहें. जब शर्त टर्म इन्वेस्टमेंट से मोटा रकम जमा हो जाता है तो इसे किसी लॉन्ग टर्म में इन्वेस्ट करें। सबसे अच्छा इंवेस्टमेंट प्रॉपर्टी है. लेकिन, इसके लिए बहुत ज्यादा पैसे की जरूरत होती है.
#3. प्रभावी योजना बनाना (Make Effective Plan)
किसी भी योजना को सुचारु रूप से चलने के लिए अनुशाशन की जरूरत है. अनुशाशन के बिना कोई काम ज्यादा दिन तक सही से नहीं चल सकता है. यदि बचत के लिए कोई प्लान बनायें हो तो नियमित उसके लिए काम कीजिये.कोई निवेश सलाहकार सिर्फ निवेश करने का तरीका बता सकता है. आखिरी में निवेश आपने ही करना है. इसीलिए दृढ़ता के साथ बनाये गए प्लान का पालन कर बचत पर ध्यान दीजिये.
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#3. निगरानी (Monitoring)
समय के साथ बचत के तरीका में बदलाव जरूरी है. हो सकता शुरुआत में कुछ ज्यादा बचत नहीं हो कर पाते होंगें। लेकिन, जब बचत की आदत डालोगे तो आगे ज्यादा बचत भी कर सकते हो. इसके साथ ही जिस किसी भी निवेश स्कीम में निवेश कर रहे हो उसका निगरानी करना जरूरी है. जमा धन में वृद्धि हो रहा है या नहीं? जमा धन में कितने प्रतिशत का बढ़त हुआ है? निगरानी में सभी तरह के धन का निगरानी शामिल है. कुछ बचत जो आपका है. इसके अलावे कुछ ऐसी प्रॉपर्टी जो पुस्तैनी होती है. इन सब का सही प्रबंधन करना चाहिए. गांव से ज्यादा शहर के जमीन का डिमांड है. इसीलिए यदि सक्षम हो तो शहर में जमीन खरीदने का प्लानिंग भी कर सकते हैं.
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Guruji Tips For Financial Planning\
- जिस तरह खर्च का कई जगह है वैसे ही कमाई का भी कम से कम दो रास्ता होना चाहिए.
- हमेशा जरूरत की वस्तु और सेवाओं पर खर्च करना चाहिए.
- अमीर दिखने की बजाय अमीर बनने की कोशिश करनी चाहिए.
- किसी ऑफर का लाभ देखकर ऐसी जगह खर्च बिलकुल भी नहीं करें जो जरूरत नहीं है.
- दिन, महीने, और साल का हिसाब जरूर रखें किस महीने आपने कितना खर्च किया.
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Financial Planning Kaise kare इसकी जानकारी आपको मिल चुकी है. उम्मीद है यह सही से समझ भी आ गया होगा. यदि इससे सम्बंधित कोई पप्रश्न हो तो कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं. इस जानकारी को अपने दोस्तों और परिवार के सभी सदस्य के साथ जरूर शेयर करें.
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bahut hi achhi jankari share ki hai aapne
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