फाइनेंस की कुछ बातें जो हमेशा याद रखनी चाहिए

Finance Kya Hai फाइनेंस का मतलब क्या है? फाइनेंस को समझना बहुत ज्यादा आसान है. इसके लिए कुछ किताब है जिसे आप पढ़ सकते हो. यदि किताब पढ़ने की आदत नहीं है तो आदत बनायें. किताब पढ़ना बहुत अच्छी बात है. यदि किताब का नाम जानना चाहते हो तो कमेंट बॉक्स में कमेंट कीजिये.

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Personal Finance in Hindi

पर्सनल फाइनेंस में किन बातों का ख्याल रखना चाहिए इससे पहले पर्सनल फाइनेंस के बारें में कुछ जरूरी जानकारी होनी चाहिए. पर्सनल फाइनेन्स को हिंदी में व्यक्तिगत वित्त या निजी वित्त कहते हैं. फाइनेंस का यह पहला पाठ है जिसमें कोई व्यक्ति या परिवार अपने लिए बजट बनाता है. इसमें धनोपार्जन के साथ उसका बचत और निवेश करने की बात बताई जाती है. धन कमाना, बचत और निवेश से बहुत आसान काम है. इसीलिए ज्यादातर लोग धन सिर्फ कमा पाते हैं. वैसे भी एक कड़वी सच्चाई है, हममें से ज्यादातर लोग दिवालियेपन से दो या तीन सैलरी ही दूर होते हैं.

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पर्सनल फाइनेंस मैनेजमेंट

हमारा एजुकेशन सिस्टम कभी इसके लिए काम न ही करता है, और न ही करने देता है. अकादमिक एजुकेशन के समय से ही हमें नौकरी के लिए बनाने की कोशिश में कोई कमीं नहीं रखी जाती है. जब कोई व्यक्ति किसी कंपनी में कार्यरत होता है तो बड़े शान से उसके घर वाले, रिश्तेदार दोस्त नाम के साथ उस कंपनी का नाम लगाते हैं. कभी उस से भी पूछ लो क्या वह खुश है? ज्यादातर लोग अच्छी तनख्वाह के साथ एक अच्छे ओहदे पर कार्यरत हैं लेकिन, ऑफिस से घर आते ही कंपनी को पांच, बॉस को दस, और नौकरी को बीस गलीयां  देते हैं. अब बताओ एक तरफ उस नौकरी से घर परिवार का पालन हो रहा है, और दूसरी तरफ ले गली, दे गाली ऐसा लगता है इसमें भी डिप्लोमा किया था. इससे अच्छा है वह काम किया जाये जिससे खुद को सुकून मिलता हो, हो सकता है कम पैसे में गुजारा करना होगा लेकिन, खुश तो रहोगे जो चाहते थे वो तो कर रहे हो. लेकिन नहीं, बिलकुल नहीं, यह भी नहीं हो सकता है. हमें सभी सुख चाहिए. जो है या तो उसमें खुश रहना सीख लो या जिसकी चाहत है उसे पाने के लिए सिद्दत शुरू कर दो. चाहत रखना बहुत ही अच्छी बात है और हर वह व्यक्ति सौभाग्यशाली है जो चाहत रखता है. लेकिन, चाहत के लिए कुछ करना होता है और यदि जीवन में सफल होना है तो खुद के ऊपर दया करना छोड़ दो.

“जीवन में सफल होना है तो खुद के ऊपर दया करना छोड़ दो.”

हमारे शिक्षा प्रणाली में फाइनेंस, पर्सनल फाइनेंस पर ध्यान नहीं दिया जाता है. यहाँ ज्यादातर ऐसे परिवार हैं जिसमें कमाने वाला सिर्फ और सिर्फ एक व्यक्ति होता है. घर के अन्य सदस्यों को घर के बाहर का कुछ भी पता नहीं होता है. शायद उन्हें जानकारी देना सही नहीं समझते हैं. भारत के गावों में खासकर यह समस्या है. यहाँ लड़कियों को घर से निकलने के नाम पर स्कूल और कॉलेज जाने दे दिया गया समझो यह जा सिमरन जा वाली लाइन से काम नहीं है. कई ऐसे परिवार हैं जिन्हें इतनी भी जानकारी नहीं होती की यदि इस कमाने वाले व्यक्ति को कुछ हो गया तो हॉस्पिटल कैसे ले जाये. इसमें सबसे बड़ी गलती घर वालों की होती है लेकिन, इसका ढोल समाज के ऊपर बजाते हैं. समाज क्या कहेगा? काश कुछ गलत करने से पहले भी समाज के बारें में सोचा होता तो आज फिर से समाज क्या कहेगा यह नहीं सोचना पड़ता. अचानक नौकरी जाने से भी हालत ख़राब होने में ज्यादा वक़्त नहीं लगता है. बुढ़ापे में भी पाई-पाई के लिए मोहताज होना पड़ता है. इन सब का वजह है फाइनेंसियल एजुकेशन का न होना और समाज के नाम पर खुद को कम्फर्ट जोन में रखना.

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फाइनेंस के कुछ बातें जो हमेशा याद रखना चाहिए

विशेषज्ञ की राय है, पर्सनल फाइनेंसियल प्लानिंग से मुश्किल से मुश्किल हालात से लड़ा और जीता जा सकता है. दोस्तों हम सिर्फ मनोबल से हार जाते हैं. नहीं तो कुछ भी असंभव नहीं है. वह भी इंसान ही है जिसने Personal Financial Planning से Public और Corporate Financial का भी बादशाह बन बैठा है.

फाइनेंस एक समुद्र है उम्मीद है लोटा भर ज्ञान देने में मैं सफल हो जाऊंगा. मानव जीवन में हवा, पानी का जो महत्व है, वही महत्व फाइनेंसियल जानकारी का हमारे अमीर होने से है. फाइनेंसियल प्लानिंग की शुरुआत पर्सनल से ही शुरू होता है. नीचे पांच बात दी गई है जो किसी भी व्यक्ति के लिए बहुत जरूरी है.

हमने इसे चार भागों में रखा है. किसी भी व्यक्ति या व्यक्ति विशेष के लिए यह पांच बातें अति आवश्यक है. जिसने पर्सनल फाइनेंसियल करना सिख लिया समझो फाइनेंस की बहुत अच्छी जानकारी उसके पास है. अब आगे का उसका एक्सपीरियंस उसे देता रहता है.

मूलभूत आवश्यकता

  • रोटी : जीवन के लिए सबसे जरूरी है रोटी। लोग यहाँ मजहब के नाम पर लड़ रहे है. लेकिन, किसी भूखे से पूछना, या जब आप बहुत भूखे हो तब खुद से पूछना क्या इस दुनिया में रोटी से भी बड़ा कुछ है क्या? हम सब की पहली जरूरत रोटी है. रोटी के बिना कोई कोई और सुख रास नहीं आता है.
  • कपड़ा : जब पेट भर जाता है तो तन ढकने की बात करते हैं. कुछ नागा बाबा है जो तन नहीं ढकते हैं. लेकिन रोटी की जरूरत उन्हें भी है.
  • मकान : इसके बाद जरूरी है धूप और बरसात से ढकने के लिए एक छत मतलब अपना मकान. बहुत काम लोग हैं जो अपनी जिंदगी में घर खरीद पाते है. सही फाइनेंसियल प्लानिंग से यह संभव है.
  • स्वास्थ्य : गलत खानपान या सही खाना न मिलने या किसी अन्य कारण से कभी स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याओं का भी सामना करना होता है. ऐसे में स्वास्थ्य भी जिंदगी का अहम् हिस्सा है.
  • शिक्षा : अच्छे समाज के निर्माण के लिए शिक्षा की बहुत जरूरत है. लेकिन, भूखे पेट, बिन कपड़ा के, बिना किसी ठिकाने के, अस्वस्थ रह कर शिक्षा नहीं ली जा सकती है.

दोस्त भूखे पेट भजन भी नहीं हो पाता है.

मरने के बाद भी इस शरीर का ही अंतिम संस्कार किया जाता है. वहां न कपड़ा देखा जाता है, न ही मकान देखा जाता है, न ही स्वास्थ्य, और न ही शिक्षा यह सब का कुछ पता नहीं रहता है. भोजन भी इस शरीर को ही चाहिए. इसीलिए सबसे मूल भूत जरूरी है रोटी.

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फ़ाइनेंशियल सिक्योरिटी

जवानी तो मौज में काट जाती है. लेकिन, बुढ़ापा आते ही मस्ती के दिन भी डूबते सूरज की तरह हो जाता है. बूढ़े व्यक्ति को यदि कोई बीमारी या पैसे की जरूरत हो तो वह अपना घर या प्रॉपर्टी भी नहीं बेच सकता क्यूंकि, उस पर बच्चों का दबाव होता है! ऐसे में उनकी जिंदगी का क्या हकीकत होगा? इसे कमेंट में जरूर बताएं. इसका वजह हम दिवालियेपन से सिर्फ दो या तीन तनख्वाह ही दूर रहते हैं. नौकरी फ्लाइट ले ले या जिंदगी दोनों ही स्थिति में परिवार का देखभाल करना बहुत मुश्किल हो जाता है. कई बार तो हम परिवार से या परिवार हमसे बिखर जाता है. इसीलिए नौकरी के दिनों में कुछ ऐसा करें जिससे फाइनेंसियल सिक्योरिटी हासिल हो सके. इसके लिए बचत और निवेश की आदत डाल लेनी चाहिए. हमेशा एक ही तरह के इन्वेस्टमेंट स्कीम में पैसा नहीं लगाना चाहिए.

फाइनेंसियल सिक्योरिटी के लिए लिक्विड और सॉलिड दोनों ही तरह का इन्वेस्टमेंट रखना चाहिए. लिक्विड फॉर्म का पैसा कहाँ है किसके नाम से है कितना यह पता होता है और पैसा निकालना बहुत ही आसान होता है. जैसे सेविंग बैंक अकाउंट, म्यूच्यूअल फंड, पोस्ट ऑफिस (KVP, NSC, Fixed Deposit), इंश्योरेंस, पेंशन प्लान, शेयर मार्केट. भारत के मौजूदा कानून के अनुसार, बैंक खातों में सिर्फ 100000 रुपये ही सुरक्षित है! बैंक अगर डूब जाती है तो सरकार सिर्फ 100000 रुपये तक वापिस करेगी.

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फाइनेंसियल सिक्योरिटी का सबसे आसान रास्ता क्या है इसके लिए कई इंश्योरेंस कंपनी टर्म इंश्योरेंस बेचती है. इसके जरिये परिवार को फाइनेंसियल सिक्योरिटी दिया जा सकता है. इसके अलावे भी हेल्थ इंश्योरेंस और होम लोन इंश्योरेंस भी खरीद सकते हैं.

कमाई, बचत और निवेश

बचत का तरीका क्या है? क्या इसके बारें में कमेंट में कुछ बता सकते हो? आपके अनुसार बचत क्या है? यदि आप एक व्यापारी या व्यवसायी हो तो क्या बता सकते हो? आप बचत कैसे करते हो? कमाने के कई तरीके हैं. और बचत करने का भी कई तरीका है लेकिन, निवेश करे का सिर्फ और सिर्फ एक ही तरीका है पहले बचत करो. अक्सर वह व्यक्ति फाइनेंसियल परेशानियों का सामना करता रहता है जो सिर्फ और सिर्फ एक ही कमाई पर निर्भर रहता है. इसीलिए कमाई को बढ़ाने का तरीका हमेशा ढूंढते रहना चाहिए. जिस तरह खर्च करने का कई जगह है वैसे ही कमाई पैसे आने का का भी कई जगह होनी चाहिए.

बचत की आदत डालना सिखों सभी जगह मार्केटिंग हो रहा है. क्या आप जानते हो किसी शॉपिंग मॉल में घड़ी क्यूँ नहीं लगा होता है? क्यूंकि, ग्राहक का ध्यान समय पर नहीं जाये. हर वो वस्तु नज़र के सामने होती है जिसकी जरूरत नहीं चाहत होती है. कुछ शॉपिंग मॉल में चाहत की चीज़ें बिलिंग काउंटर के पास होता है. यह कंपनी ऑफर के नाम पर अपना प्रोडक्ट तो बेच लेती है लेकिन, इससे हमारा फाइनेंसियल प्लानिंग ख़राब हो जाता है. कर्ज लेकर कभी कोई शौक पूरा नहीं करना चाहिए और कंजूस बनकर अमीर बनना भी गरीब ही रहना होता है. इसीलिए कंजूसी भी नहीं करनी चाहिए. हमेशा एसेट्स खरीदना चाहिए लेकिन, हम खरीदते क्या है लायबिलिटी.

टैक्स

मिडिल क्लास वाला कमाता कम और टैक्स ज्यादा देता है. उसे टैक्स बचने का तरीका पता नहीं है. कंपनी और सरकारी नौकरी करने वाले का टैक्स सैलरी से काट कर ही मिलता है. लेकिन कुछ निवेश कर इन टैक्स को बचाया जा सकता है. एवरेज देखा जाये तो कम पैसा कमाने वाला फाइनेंसियल जानकारी के अभाव में ज्यादा कमाने वाले की तुलना में ज्यादा टैक्स भर देते हैं. हमें टैक्स जरूर देना चाहिए इसी से देश की अर्थव्यवस्था चलती है. लेकिन, यदि कुछ इन्वेस्टमेंट करने से टैक्स छूट मिलता है तो यह जरूर करना चाहिए. इससे टैक्स छूट भी मिल गया और निवेश भी भविष्य में अपने ही काम में आएगा. निवेश हमें आगे मदद करेगा और सरकार के सामने हाथ फ़ैलाने और सरकार को कोसने की भी जरूरत नहीं होगी. टैक्स चोरी करना अपराध है लेकिन, कानूनन सरकार के नियमों के अनुसार काम कर यदि टैक्स छूट का लाभ लेते हो तो यह अच्छी बात है.

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आखिरी में मैं सिर्फ दो सवाल आप से पूछना चाहता हूँ. इसका जवाब कमेंट बॉक्स में जरूर दें.

  • क्या हमनें इतना धन कमा लिया जिससे हमें पूरी जिंदगी यह 5 चीजें मिलता रहेगा?
  • क्या मेरे मृत्यु के बाद मेरे परिवार को भी यह 5 चीजें मिलता रहेगा?

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वक़्त रहते हालत को बदला जा सकता है. इंसान की म्हणत से कुछ भी संभव है. इसीलिए सही दिशा में एक मार्गदर्शक के निर्देश में जीवन पथ पर आगे बढ़ना ही हमारा मकसद हिनी चाहिए. यही कुछ बातें थी जो पर्सनल फाइनेंस के बारें में हमेशा याद रखना चाहिए.

भूख से बड़ा “धर्म” और रोटी से बड़ा “ईश्वर” नहीं है.

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Ashu Garg

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