GST Kya Hai GST Kaise Kaam Karta Hai वर्ष 2017 01, जुलाई में NDA सरकार के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार में GST (Goods and Service Tax) लागू किया गया. GST से सम्बंधित कई जानकारी अब तक शेयर किया जा चुका है. GST लागू करने का मकसद क्या था? GST लागू करने से व्यवसायी और आम ग्राहक को किस तरह का फायदा नुक्सान हुआ? इन सभी बातों के बारें में इस आर्टिकल में जानेंगें. GST के बारें में अब तक आपको क्या पता है नीचे कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं.
GST का फुल फॉर्म Goods and Services Tax है. जिसे हिंदी में वस्तु और सेवा कर कहते हैं. Goods (वस्तु) में वह सभी सामान आता है जिसे देख या छू सकते हैं जैसे बाइक, कार, मोबाइल, लैपटॉप्स, घर, टीवी, फ्रीज, कूलर, कपडा, खाद्य सामग्री. Service (सेवा) में ऐसे काम को रखा गया है जिसे देख या छू नहीं सकते हैं. जैसे वेबसाइट डिजाइनिंग, मोबाइल बिल, बिजली बिल, ब्यूटी मेकअप, फन जोन, हवाई यात्रा. इसका मतलब है हर एक जगह टैक्स है GST लागू करने से पहले कई अलग तरह का टैक्स देना होता था. अब सिर्फ एक ही टैक्स देना होता है. किसी राज्य, व्यक्ति या संस्था से जो अतिरिक्त धन लिया जाता है उसे कर या टैक्स कहते हैं.
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GST से पहले देश में मौजूद टैक्स
GST से पहले सरकार द्वारा नागरिकों पर दो तरह के कर लगाए जाते थे, प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कर.
प्रत्यक्ष कर (Direct Tax)
प्रत्यक्ष कर (Direct Tax), वह कर है जिसे सरकार द्वारा जनता पर लगाया जाता है. यह कर व्यक्ति या संगठन द्वारा सरकार को दिया जाता है. यह सरकार द्वारा प्रत्यक्ष रूप से व्यक्ति और संगठन पर लागू टैक्स है. व्यक्ति या संगठन अपने कमाए हुए धन पर मुख्य उद्देश्यों के लिए सरकार को टैक्स का भुगतान करती है. जिस किसी के ऊपर भी टैक्स लगाया जाता है वह संगठन या व्यक्ति ही इसे जमा करता है. डायरेक्ट टैक्स भी कई तरह का होता है.
- आय कर (Income Tax) यह पहला प्रत्यक्ष कर (Direct Tax ) जिसे व्यक्ति या संगठन के आय पर लगाया गया है. किसी कंपनी की आय कुछ भी हो उसे यह टैक्स जमा करना होता है. किसी व्यक्ति की आय पर लगने वाला टैक्स उसकी आय पर निर्भर है. देश में यदि किसी व्यक्ति की आय पांच लाख रुपये तक है तो उसे यह कर देने की आवश्यकता नहीं है. यदि किसी की कमाई इससे ज्यादा है तो कमाए धन पैट टैक्स देना होगा.
- कैपिटल गेन्स टैक्स (Capital Gains Tax) दूसरा कर के रूप में कैपिटल गेन्स टैक्स है. इसके तहत यदि संपत्ति, शेयर, बॉन्ड्स या कसी महंगी वस्तुओं को बेचने पर मिलने वाला मुनाफा पर कर देना होता है.
- सिक्योरिटीज ट्रांसक्शन टैक्स (Securities Transaction Tax) तीसरा प्रत्यक्ष कर के रूप में सिक्योरिटीज ट्रांसक्शन टैक्स (Securities Transaction Tax) लाया गया. इसके तहत स्टॉक एक्सचेंज (stock exchange) में किये गए हर लेन- देन (transaction) पर कर (Tax) देना होता है.
- कॉर्पोरेट कर (Corporate Tax) कॉर्पोरेट कर (Corporate Tax), इसके तहत देश भर की कंपनियां अपनी आय पर सरकार को कर (Tax) देती है. देश की व्यवस्था को सुचारू रूप से चलने के लिए यह चार प्रकार के प्रत्यक्ष कर (Direct tax) सरकार तक पहुंचना ज़रूरी है. इसीलिए भारतीय नागरिक होने के नाते हमें अपने हिस्से का कर जरूर चुकाना चाहिए.
अप्रत्यक्ष कर
अप्रत्यक्ष कर इसके नाम से ही स्पष्ट है, ऐसा कर जो अप्रत्यक्ष रूप से सरकार तक पहुँचती है. यह कर (Tax) प्रत्यक्ष कर (Direct Tax ) का उल्टा है. इसमें राज्य द्वारा आयात, निर्यात, उत्पादन और खपत पर कर लगाया जाता है. अप्रत्यक्ष कर भी जनता को ही देना है. लेकिन, इसे लगाया कहीं और जाता है और वसूला कहीं और जाता है. अप्रत्यक्ष कर एक स्थान्तरित कर है.
GST की शुरुआत
इसी अप्रत्यक्ष कर (Indirect Tax) बदलाव कर GST लागू किया गया है. अप्रत्यक्ष कर में सभी केंद्रीय तथा राज्य कर के बदले एक कर आया जिसका नाम वस्तु और सेवा कर (Goods and Service Tax) रखा गया. एक उदहारण से पहले का अप्रत्यक्ष टैक्स और आज के GST को समझाया गया है.
Indirect Tax (अप्रत्यक्ष कर) Tax rate 10%
इस उदहारण में सभी कर की गणना 10% टैक्स पर किया गया है.
Manufacturer
Manufacturing Cost Rs.50, Profit Rs.50 Price = Rs.100, Tax 10%, Final Price = Rs.110.
Wholesaler
Purchasing Cost 110, Profit Rs. 50 Price = 160, Tax 10%, Final Price = Rs.176
Retailer
Purchasing Cost 176, Profit Rs. 74 Price = 250, Tax 10%, Final Price = Rs.275
GST Tax Rate 10%
Manufacturer
Manufacturing Cost Rs.50, Profit Rs.50 Price = Rs.100, Tax 10%, Final Price = Rs.110.
Wholesaler
Purchasing Cost 110, Profit Rs. 50 Price = 160, Tax 10%, Final Price = Rs.165
Retailer
Purchasing Cost 165, Profit Rs. 50 Price = 215, Tax 10%, Final Price = Rs.220
दोनों ही स्थिति में देखा किस तरह से टैक्स लगाया जा रहा है. GST में सिर्फ मुनाफा पर टैक्स लगाया गया जबकि पुराने टैक्स पद्धति में कुल कीमत पर टैक्स लगाया गया.
इस तरह दोनों कर प्रणाली (Tax System) समझ आ गया. पुराने टैक्स सिस्टम में ग्राहक को बहुत ज्यादा धन राशि टैक्स के रूप में चुकाना होता था.
जी एस टी कैसे काम करती है?
सभी तरह के अप्रत्यक्ष कर के बदले GST (Goods and Services Tax) ही देना है. इसे भी तीन अलग – अलग कर में विभाजित किया गया है.
- सीजीएसटी (CGST) सीजीएसटी, केंद्र सरकार को जाने वाला कर (टैक्स).
- एसजीएसटी (SGST) एसजीएसटी, राज्य सरकार को जाने वाला टैक्स.
- आईजीएसटी (IGST) यह कर राज्य और केंद्र सरकार के बीच विभाजित होता है. जब कोई अंतर्राज्यीय खरीद बिक्री की जाती है तो यह टैक्स लगाया .जाता है.
GST से सम्बंधित कुछ महत्वपूर्ण बातें
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GST से सम्बंधित यदि कोई प्रश्न हो तो कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं. GST लागू होने से आपका क्या रे है इसे भी बताएं.
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