Dometic Violence act in Hindi pdf free download What is Domestic Violence Helpline Number in India Contact Human Rights Organization
कहा जाता है घर की चारदीवारी के अन्दर महिलाएं ज्यादा सुरक्षित हैं. लेकिन आज भी हमारे समाज में कुछ ऐसे लोग भी हैं जिनके वजह से महिलाएं घर के चारदीवारी के अन्दर अपने आप को सुरक्षित महसूस नहीं कर रही हैं. घर के अन्दर महिलाओं के साथ हो रहे अपराध Domestic Violence (घरेलु हिंसा) के अंतर्गत आता है.
Guruji Tips Domestic Violence
बहुत पुराने समय से महिला घर की चारदीवारी के अन्दर अपराध का शिकार (victim) होती आ रही है. इसके कई कारण हो सकते हैं. कुछ मामलों में पति (husband) व ससुराल वालों की मारपीट व अत्याचार (torture) से बचने के लिए Police Station के चक्कर लगाने पड़ते थे. महिला पति के घर में नहीं रह सकती थी. लेकिन Domestic Violence Act 2005 ने महिला को पति के घर में रहने का पूरा हक़ और कानूनी सहायता भी मुहैया करवाता है.
Domestic Violence Types
- महिला का शारीरिक (physical) अथवा यौन उत्पीड़न (sexual harassment)
- धमकी देना
- गाली देना
- मारना-पीटना
- जबरदस्ती शारीरिक संबंध बनाना
- दहेज़ उत्पीड़न
- अश्लील फोटो या फिल्म ससुराल के किसी सदस्य द्वारा दिखाना या परेशान करना
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भविष्य में ऐसा हो सकता है
- सभी महिलाओं के लिए न्याय सुनिश्चित करना.
- खासकर अनदेखी का शिकार तबके के लिए.
- महिलाओं के खिलाफ अपराध में 2030 तक पचास फीसदी कमी लाना.
- 2019 तक थानों की संख्या 350, 2022 तक 400 और 2030 तक पांच सौ करना.
- अभी 240 थाने व 21 महिला पुलिस थाने हैं.
- पुलिस में महिलाओं की भागीदारी 2019 तक 10 प्रतिशत, 2022 तक 14 प्रतिशत और 2030 तक 20 प्रतिशत की जाएगी.
- उच्च स्तरीय जांच की मांग वाले केसों की संख्या 2019 तक 17, 2022 तक 16 और 2030 तक 15 फीसदी करना.
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