Chand Dharti Se Kitna Dur Hai OK Google | चाँद धरती से कितना दूर है | Distance of Moon from Earth

Chand Dharti Se Kitna Dur Hai? चाँद धरती से कितना दूर है? अक्सर लोग गूगल से यह पूछते हैं, धरती से चाँद की दूरी क्या है?

OK Google Chand Dharti Se Kitna Dur Hai? Hello Google Chand Dharti Se Kitna Dur Hai? क्या कभी आपने भी गूगल से यह सवाल पूछा है?

Chand Dharti Se Kitna Dur Hai तो इसका जवाब चाँद धरती से 3,84,403 किलोमीटर मतलब 2,38,857 मील की दूरी पर है।

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चाँद धरती से कितना दूर है Chand Dharti Se Kitna Dur Hai

जब से गूगल ने वॉयस सर्च का विकल्प दिया है, लोग अक्सर अपने मन का सवाल पूछते रहते हैं। वैसे तो कुछ लोग प्यार भरी बातें भी इससे कर लेते है। लेकिन, बहुत से ऐसे लोग हैं जो ज्ञान की बातें इससे करते हैं जैसे आप।

आज के इस लेख में हम आपको चाँद धरती से कितना दूर है? Chand Dharti Se Kitna Dur Hai के बारे में के साथ और भी बहुत कुछ बताने वाले हैं।

अंतरिक्ष शोधकर्ताओं के अनुसार चांद से पृथ्वी की दूरी 384,403 किलोमीटर (238,857 मील) है. लेकिन, एक बात यह भी जान लीजिए चाँद और धरती के बीच की दूरी हमेशा एक समान नहीं रहती है, क्योंकि चंद्रमा पृथ्वी के चारों ओर चक्कर लगाता है।

चंद्रमा हमेशा पृथ्वी का चक्कर लगाते रहता है, इसलिए इन दोनों की दूरी बदलती रहती है, जिससे दिन और रात होते हैं। चंद्रमा हमेशा गति में रहता है, जिसके कारण पृथ्वी से इसकी दूरी कभी कम तो कभी ज्यादा होती रहती है।

चांद सौरमंडल के पांचवें सबसे बड़े प्राकृतिक उपग्रह में गिना जाता है, और यह पृथ्वी का एकमात्र प्राकृतिक उपग्रह है।

Chand Dharti se Kitna Dur Hai

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चाँद क्या कैसे What is Moon

चाँद जिसे शुद्ध हिंदी में चन्द्रमा कहा जाता है। वैसे आपने बचपन में चाँद के बारें में की किस्सा और कहानी जरूर सुना होगा। बचपन से जवानी तक चाँद हमारे जीवन में शामिल रहता है।

बचपन चन्दा मामा तो जवानी में तुम मेरी चाँद हो, चाँद में दाग है तो तेरे लिए मैं चाँद तारे तोड़ लाऊँगा। जब बच्चा बड़ा हो जाता पढ़ना शुरू कर देता है पृथ्वी से चाँद की दूरी या कभी चाँद पर जाने की बात करने लगता है।

चाँद पृथ्वी का एक मात्र प्राकृतिक उपग्रह है। रात के समय जब यह चमचमाता है तो इससे निकलने वाला प्रकाश अँधेरे को चीरता हुआ धरती पर उजियारा फैलाता है।

पहले के जमाने में या आज भी हिन्दी कलेनडर में चाँद से ही महिना शुरू और अंत होता है। यह देखने में काफी सुन्दर है एवं पुरे महीने इसके अलग-अलग आकर हमें देखने को मिलते हैं।

चाँद का वजन करीब 81 अरब टन तक है।

पृथ्वी की ओर वाली चन्द्रमा की सतह

moon earth side
Moon Earth Side

पृथ्वी के विरुद्ध (अदृश्य) वाली चन्द्रमा की सतह

Moon opposite Earth Side

चंद्रमा का उत्तरी ध्रुव

moon north pole
Moon north pole

चंद्रमा का दक्षिणी ध्रुव

moon south pole
Moon South Pole

चाँद पृथ्वी का चक्कर क्यूँ लगाती है?

ब्रह्मांड, सौरमंडल को लेकर लोगों के मन में अजीब से सवाल सदैव आते रहें हैं। चाँद पर मानव गमन का इतिहास भी सालों पुराना हो चुका है, लेकिन चाँद के संबंध में जानकारी की इच्छा आज भी नयी है।

चाँद से धरती से की दूरी का सटीक आकलन तो शायद ही संभव है लेकिन कई अंतरिक्ष शोधकर्ताओं से मिली जानकारी को आधार बनाकर यहां पेश करने की कोशिश की जा रही है। तो आइए जानते हैं कि आखिर चाँद और धरती के बीच दूरी में निरंतर परिवर्तन क्यों होता है?

यहाँ पृथ्वी और चाँद के मध्य दूरी के औसत आंकड़ों की जानकारी दी गई है, क्योंकिइस संबंध में निश्चित आंकड़ों का पता लगाना नामुमकिन है।इसका मुख्य कारण यह है कि चाँद, पृथ्वी के चारों ओरपरिक्रमा करता है जिससे दिन एवं रात होते हैं।

चाँद हमेशा अपने धूरी पर गतिमान है, पृथ्वी का उपग्रह होने के नाते इसे पृथ्वी का चक्कर लगाना परता है। जिस तरह पृथ्वी हमेशा सूर्य की परिक्रमा करते रहती है और दिन रात होता है।

ठीक वैसे ही चाँद भी पृथ्वी का चक्कर लगाने का काम कर रही है। इसी वजह से इसकी दूरी पृथ्वी से कभी अधिक तो कभी कम तो कभी ज्यादा होती रहती है। चाँद से पृथ्वी की दूरी 384,403 किलोमीटर अर्थात 238,857 मील है। 

इस औसत दूरी को वैज्ञानिकों द्वारा अर्धांश (सेमि-मेजर एक्सिस) के नाम से चिह्नित किया गया है। 384,403 किलोमीटर (238,857 मील) की गणना करने के लिए वैज्ञानिकों द्वारा चन्द्रमा के परिक्रमण काल में पृथ्वी से उसकी निकटतम और अधिकतम दूरी के मध्य औसत आंकड़ों की गणना की गई है।

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धरती और चाँद के बीच का दूरी कम ज्यादा क्यूं होता है

जब चाँद, पृथ्वी के सबसे निकटतम अक्ष पर होता है तब इसकी चमक, पराकाष्ठा बिंदु की अपेक्षा लगभग 30 प्रतिशत अधिक होती है।

चन्द्रमा और पृथ्वी की दूरी में थोड़े से परिवर्तन से भी पृथ्वी से चन्द्रमा की स्थिति और चमक से अत्यधिक परिवर्तन आ जाता है। पृथ्वी, सौरमंडल के 9 ग्रह में से एक है और चाँद, पृथ्वी का एक उपग्रह है।

जिस प्रकार पृथ्वी, सूरज के चारों ओर परिक्रमा करती है उसी प्रकार चाँद भी पृथ्वी के चारों ओर निरंतर गति से परिक्रमा करता रहता है।

इसके अलावा चाँद से धरती की समय औसत दुरी 385,000.6 किलोमीटर (239,228.3 मील) है। जब चन्द्रमा धरती की परिक्रमा करता है तो यह दूरी बदलती रहती है।

इसमें 50,200 किलोमीटर (31,200 मील) का अंतर रहता है। अर्थात जब चंद्रमा धरती से सबसे निकटतम होता है तो यह दूरी 356,500 किलोमीटर (221,500 मील) एवं सबसे दूरतम होने पर यह अंतराल 406,700 किलोमीटर (252,700 मील) का होता है।

चाँद के ऊपर और चाँद के पास कौन सा ग्रह है

चंद्रमा की खुरदुरी सहत पर बेहद अस्‍थिर और हल्का वायुमंडल होने की संभावना व्यक्त की जाती है और यहां पानी भी ठोस रूप में मौजूद होने के सबूत मिले हैं। हालांकि वैज्ञानिकों के अनुसार यह वायुमंडलविहीन उपग्रह है।

चंद्रमा के बिल्कुल नजदीक मंगल ग्रह है। मंगल ग्रह मंगलवार को पृथ्वी की कक्षा में भ्रमण करते हुए चंद्रमा के नजदीक जीरो डिग्री पर पहुंच सकता है। मंगल की चंद्रमा के साथ इस नजदीकी के कारण पृथ्वी पर मौसम में उमस और गर्मी बढ़ सकती है।

चाँद का जन्म (Birth of Moon)

वैज्ञानिकों के तथ्य के अनुसार पृथ्वी के बनने के कुछ करोड़ों साल बाद चाँद का जन्म हुआ। वैज्ञानिकों के अनुसार आज से 4.50 अरब साल पहले चाँद अस्तित्व मे आया था, जो कि पृथ्वी और थीया (मार्स के आकार का तत्व) के बीच हुए भीषण टकराव के बाद बचे हुए अवशेषों के मलबे से बना था।

चंद्रमा के होने से पृथ्वी रुकी हुई है। इसी के कारण से पृथ्वी पर सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण दोनों लगता है।

चाँद का तापमान

जिस तरह पृथ्वी पर तापमान अलग अलग जगहों पर अलग अलग रहता है, ठीक उसी प्रकार चाँद की सतह पर भी अलग-अलग जगहों का तापमान दिन और रात में अलग-अलग होता है। चाँद पर दिन के समय का अत्यधिक तापमान 127 डिग्री सेल्सियस तथा रात मे शून्य डिग्री से –193 डिग्री सेल्सियस हो जाता है। कुछ गहरे क्रेटर्स में तो तापमान हमेशा माइनस 240 तक कम रहता है।

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चाँद का आकार (Size of Moon)

चाँद का आकार क्रिकेट बॉल की तरह गोल है। और यह स्वतः नहीं चमकता बल्कि सूर्य के प्रकाश से प्रकाशित होता है। चंद्रमा का वह भाग जो सूर्य के सामने होता है वह चमकता हुआ दिखाई देता है और बाकी भाग में अंधेरा होता है। इसी कारणवश चंद्रमा का आकार घटता बढ़ता दिखाई देता है।

परिधि10,921 किमी
तल-क्षेत्रफल3.793 किमी2 
आयतन2.1958 किमी3 
द्रव्यमान7.3477 किलोग्राम

चाँद का धरती पर होने वाला असर

चाँद की गुरुत्वाकर्षण शक्ति का पृथ्वी पर काफी असर होता है, इस वजह से पृथ्वी की अपनी धुरी पर घूमने की गति पर असर होता है।

वहीं पृथ्वी के गुरुत्व के कारण चांद की कक्षा पर भी असर होता है। चांद के गुरुत्वाकर्षण के कारण एक प्रक्रिया होती है टाइडल फ्रिक्शन, इसका सीधा असर ज्वार-भाटा जैसी गतिविधियों में देखने को मिलता है।

इसका एक असर यह भी है कि चाँद पृथ्वी से हर साल 1.5 इंच दूर जा रहा है।

पृथ्वी से चाँद तक पहुंचने में कितना समय लगता है

पृथ्वी से चाँद की दूरी इस बात पर निर्भर करती है कि हम जिस विमान से यात्रा कर रहे हैं उसकी गति क्या है, चन्द्रमा पर पृथ्वी से भेजे गए विमानों में सबसे कम गति वाला विमान ESAस्मार्ट-1, चन्द्रमा पर 1 साल, 1 महीने और 2 सप्ताह के बाद पहुँचा था।

अब तक के सबसे तेज गति वाला विमान नासा न्यू होरिजन ने करीब 8 घंटे और 35 मिनट में पृथ्वी से चन्द्रमा का दूरी ते कर लिया था। यह पृथ्वी से चन्द्रमा के बीच की यात्रा को तय करने में लगा अब तक का सबसे कम समय है।

चाँद पर जाने वाले लोग

नील आर्मस्ट्रॉन्ग (Neil Armstrong)

नील आर्मस्ट्रॉन्ग (Neil Armstrong) ने अपोलो 11 मिशन के तहत 20 जुलाई 1969 को पहली बार चांद की धरती पर कदम रखा. वह एक नेवल एविएटर, टेस्ट पायलट और यूनिवर्सिटी प्रोफेसर थे.

चांद पर कदम रखने के दौरान आर्मस्ट्रॉन्ग ने कहा था, ‘ये मनुष्य के लिए छोटा कदम है, मगर मानवता के लिए एक विशाल छलांग है.’

बज एल्ड्रिन (Buzz Aldrin)

बज एल्ड्रिन (Buzz Aldrin) अपोलो 11 मिशन के दौरान नील आर्मस्ट्रॉन्ग के साथ थे. चांद पर कदम रखने वाले वह दुनिया के दूसरे शख्स थे. वह एक पूर्व अमेरिकी एस्ट्रोनोट, इंजीनियर और लड़ाकू पायलट हैं. एल्ड्रिन अपोलो 11 के अंतिम जीवित क्रू मेम्बर है।

पेटे कॉनराड (Pete Conrad)

पेटे कॉनराड (Pete Conrad) चांद पर कदम रखने वाले तीसरे व्यक्ति थे. अमेरिका ने नवंबर 1969 में अपोलो 12 मिशन भेजा था, जिसके जरिए कॉनराड चांद पर पहुंचे. कॉनराड को 1962 में नासा के दूसरे एस्ट्रोनोट क्लास में चुना गया था. एक सड़क दुर्घटना में साल 1999 में उनकी मौत हो गई थी.

एलन बीन (Alan Bean)

एलन बीन (Alan Bean) पेटे कॉनराड के साथ ही चांद पर गए थे. वह अपोलो 12 मिशन का हिस्सा थे. इस तरह वह चांद पर जाने वाले चौथे व्यक्ति थे. नासा से साल 1981 में बीन रिटायर हो गए और फिर पेंटिंग को अपनी रुचि बना ली.

एलन शेपर्ड (Alan Shepard)

एलन शेपर्ड (Alan Shepard) चांद पर जाने वाले पांचवे व्यक्ति थे. वह एक अमेरिकी एस्ट्रोनोट, नेवल एविएटर, टेस्ट पायलट और बिजनेसमैन थे. वह फरवरी 1971 में अपोलो 14 मिशन के तहत चांद पर गए थे. वह अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे व्यक्ति और पहले अमेरिकी नागरिक थे.

एडगर मिशेल (Edgar Mitchell)

एडगर मिशेल (Edgar Mitchell) ने अपोलो 14 मिशन के तहत चांद पर कदम रखा और इस तरह वह ऐसा करने वाले छठे व्यक्ति बन गए. उन्होंने फ्रा मौरो हाइलैंड्स क्षेत्र में चांद की सतह पर नौ घंटे काम किया.

डेविड स्कॉट (David Scott)

डेविड स्कॉट (David Scott) अपोलो 15 मिशन के जरिए चांद पर गए. वह एक अमेरिकी टेस्ट पायलट और नासा एस्ट्रोनोट थे. स्कॉट चांद पर कदम रखने वाले सातवें व्यक्ति थे. स्कॉट तीन बार अंतरिक्ष में गए.

जेम्स इरविन (James Irwin)

जेम्स इरविन (James Irwin) चांद पर जाने वाले आठवें व्यक्ति थे. वह अपोलो 15 मिशन के जरिए चांद पर पहुंचे थे. इरविन अपोलो लूनर मॉड्यूल के पायलट थे. साल 1991 में 61 साल की उम्र में उनका देहांत हो गया था.

जॉन यंग (John Young)

जॉन यंग (John Young) ने नासा के अपोलो 16 मिशन के तहत चांद के लिए उड़ान भरी. वह 1972 में अपोलो 16 मिशन के कमांडर के रूप में चंद्रमा पर चलने वाले नौवें व्यक्ति बने. 2018 में उनका देहांत हो गया.

चार्ल्स ड्यूक (Charles Duke)

चार्ल्स ड्यूक (Charles Duke) भी जॉन यंग के साथ अपोलो 16 मिशन के जरिए चांद पर पहुंचे. वह चांद पर कदम रखने वाले 10वें व्यक्ति थे. ड्यूक चांद पर कदम रखने वाले सबसे युवा व्यक्ति थे. उन्होंने 36 साल 201 दिन की उम्र में चांद पर कदम रखा.

यूजीन सेरनन (Eugene Cernan)

यूजीन सेरनन (Eugene Cernan) एक अमेरिकी एस्ट्रोनोट थे और उन्होंने अपोलो 17 मिशन के तहत चांद पर कदम रखा. वह चांद पर कदम रखने वाले 11वें व्यक्ति थे. चांद पर अपने कदमों के निशान छोड़ने वाले आखिरी व्यक्ति भी हैं.

हैरिसन श्मिट (Harrison Schmitt)

हैरिसन श्मिट (Harrison Schmitt) चांद पर जाने वाले 12वें व्यक्ति हैं. वह अपोलो 17 मिशन के तहत चांद पर गए थे. इस मिशन के बाद उन्होंने 1975 में नासा से रिटायरमेंट ले लिया था. उन्होंने बच्चों को यूनिवर्सिटी में पढ़ाने का काम भी किया है.

चाँद की कलाओं के नाम

चाँद निम्नलिखित कलाओं से गुजरता है:

  • अमावस्या
  • वर्धमान बढ़ता चांद
  • अर्ध चंद्र
  • कुबड़ा बढ़ता चांद
  • पूर्णिमा
  • कुबड़ा घटता चांद
  • अर्ध चंद्र
  • वर्धमान घटता चांद
  • अमावस्या

चाँद के बारे में कुछ अनोखी बातें

  1. आज तक चाँद पर केवल 12 ही व्यक्ति गए हैं।
  2. पूर्णिमा वाले दिन चाँद की रौशनी और दिनों के मुकाबले 9 गुना अधिक होती है।
  3. चाँद का आकार धरती के मुक़ाबले में करीब 27% है।
  4. सूरज चाँद से करीब 400 गुना बड़ा है।
  5. धरती में करीब 9 चाँद समा सकता है।
  6. चाँद पर पानी ठोस अवस्था में मौजूद है। इस बात की खोज भारत के द्वारा किया गया है।
  7. चाँद पर जाने के बाद आपका वजन जो धरती पर था वो वजन चाँद पर नहीं होगा चाँद पर आपका वजन काम हो जाएगा।
  8. धरती से चाँद का केवल 59% हिस्सा ही दिखाई देता है।
  9. धरती से चाँद पर जाने के लिए करीब 3 दिन का समय लगता है।
  10. चाँद का वजन करीब 81 अरब टन है।
  11. चाँद धरती के चारो तरफ चक्कर लगता रहता है जिसके कारण ही धरती पर दिन व रत होती है।
  12. जिस तरफ चाँद का प्रकाश वाला हिस्सा होता है उस तरफ चाँद का तापमान करीब 180 डिग्री तक पहुंच जाता है।
  13. क्षेत्रफल के मुताबिक चाँद का क्षेत्रफल इतना है जितना की साउथ अफ्रीका का क्षेत्रफल है।
  14. जिस तरफ चाँद का वह हिस्सा होता है जिधर अँधेरा होता है उस तरफ चाँद का तापमान करीब -153 डिग्री तक पहुंच जाता है।
  15. चाँद का आकार सभी को गोल लगता है लेकिन, चाँद गोल नहीं बल्कि अंडाकार है।
  16. चाँद पर जाने वाला पहला व्यक्ति का नाम नील आर्मस्ट्रांग था।
  17. हमारे सौर मंडल यानि के Solar System में करीब 181 अन्य उपग्रह मौजूद है है जिनमे चाँद 5वे स्थान पर आता है।
  18. यदि चन्द्रमा गायब हो जाए तो धरती पर केवल 6 घंटे का ही दिन होगा।
  19. चंदग्रहण तब होता है जब सूरज और धरती के बीच में चाँद आ जाता है उस को चंद्रग्रहण कहा जाता है।
  20. चाँद को धरती के चक्कर लगाने के लिए करीब 28 दिन का समय लगता है।

चंद्रमा का धार्मिक महत्व

चंद्रमा की हिन्दू धर्म में पूजा की जाती है। करवाचौथ, गुरु पूर्णिमा, प्रतिमाह आने वाली चतुर्थी पर चंद्रमा का पूजन किया जाता है।

इन्हें चंद्र देव के नाम से बुलाया जाता है। चंद्र देव का पौराणिक कथाओं में कई जगह वर्णन किया गया है। जब चन्द्रमा अपने पूर्ण स्वरुप में आता है तो उस रात्रि को पूर्णिमा कहा जाता है एवं जब चन्द्रमा लुप्त हो जाता है तो उसे अमावस्या कहा जाता है।

इसके अलावा मुस्लिम भी चंद्रमा देखकर ईद मनाते हैं।

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बच्चे बुलाते हैं चंदा मामा

चन्द्रमा को बच्चों द्वारा चंदा मामा कहकर बुलाया जाता है। यह देखने में इतना अधिक आकर्षक है कि बच्चे भी इसे देख मंत्रमुग्ध हो जाते हैं और इसे देखते देखते कई बच्चे खाना भी आसानी से खा लेते हैं। और जब गाड़ी पर कहीं जाते हैं तो कहते ही हैं कि चाँद भी हमारे साथ साथ चल रहा है। चाँद से जुड़ी एक पोयम भी है जिसे हर घर में गुनगुनाया जाता है।

CHANDA MAMA DUR KE LYRICS IN HINDI

Chanda mama door ke,

Puye pakayen boor ke,

Chanda mama door ke,

Puye pakayen boor ke,

चंदा मामा दूर के,

पुए पकाए बूर के,

चंदा मामा दूर के,

पुए पकाए बूर के,

Aap khayen thali mein,

Munne ko den pyali mein,

Aap khayen thali mein,

Munne ko den pyali mein,

आप खाएं थाली में,

मुन्ने को दे प्याली में,

आप खाएं थाली में,

मुन्ने को दे प्याली में,

Chanda mama door ke,

Puye pakayen boor ke,

चंदा मामा दूर के,

पुए पकाए बूर के,

Pyali gayi toot,

munna gaya rooth,

Pyali gayi toot,

munna gaya rooth,

प्याली गयी टूट,

मुन्ना गया रूठ,

प्याली गयी टूट,

मुन्ना गया रूठ,

Layenge nayi pyaliyan,

Baja baja ke taaliyan,

Layenge nayi pyaliyan,

Baja baja ke taaliyan,

लाएंगे नयी प्यालियाँ,

बजा बजा के तालियाँ, 

लाएंगे नयी प्यालियाँ,

बजा बजा के तालियाँ, 

Chanda mama door ke,

Puye pakayen boor ke,

Chanda mama door ke,

Puye pakayen boor ke….

चंदा मामा दूर के,

पुए पकाए बूर के, 

चंदा मामा दूर के,

पुए पकाए बूर के… 

चाँद और धरती से सम्बंधित पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)

चाँद धरती से कितनी दूरी पर स्तिथ है /

चाँद धरती से करीब 384,403 किलोमीटर (238,857 मील) की दूरी पर है।

चाँद पर जाने वाला पहला व्याक्ति कौन था एवं वह कब चाँद पर गया था ?

नील आर्मस्ट्रॉन्ग (Neil Armstrong) ने अपोलो 11 मिशन के तहत 20 जुलाई 1969 को पहली बार चांद की धरती पर कदम रखा.

क्या चाँद पर पानी मौजूद है ?

जी हाँ चाँद पर पानी मौजूद है इस बात की खोज भारत के द्वारा किया गया था।

चंद्रग्रहण क्या होता है ?

जब धरती और सूरज के बीच में चाँद आ जाता है, उस समय धरती के कुछ हिस्से पर बिलकुल अँधेरा हो जाता है इसी स्तिथी को चंद्रग्रहण कहा जाता है।

चांद का पहला नक्शा किसने बनाया?

Ans: दूरबीन से देखने पर चांद जैसा नजर आता है, उसका नक्शा बनाने वाले पहले इंसान का नाम थॉमस हैरियट है। वह ब्रिटिश खगोलविज्ञानी थे।

चाँद का वजन कितना है ?

चाँद का वजन करीब 81 टन के करीब है।

धरती किसके चक्कर काटती हैं ?

धरती सूरज के चक्कर काटतीं ही। धरती को सूरज के चक्कर काटने में 365-1/4 दिन लगते हैं जिसको एक साल भी कहा जाता है।

चाँद के और धरती के बीच में फासला किस तरह मापा गया था ?

चाँद और धरती के बीच में फासला वैज्ञानिकों के द्वारा रेडार की मदद से मापा गया था।

चाँद को धरती के चक्कर लगाने में करीब कितना वक़्त लगता है ?

चाँद को डर्टी के चक्कर लगाने के लिए करीब 1 माह का समय लगता है।

किस किस गृह के पास कितने कितने चाँद हैं ?

हर एक गृह के पास अपने अपने चाँद है
मंगल गृह के पास 2 चाँद हैं, जुपिटर के पास 10 चाँद हैं, शनि ग्रह के पास 62 चाँद खोजे गए हैं ,यूरेनस के पास 27 चाँद खोजे गए हैं ,नेप्तुने के पास 14 चाँद हैं,और धरती जे पास 1 चाँद हैं।

धरती से चाँद पर पहुंचने के लिए कितना समय लगता है ?

धरती से चाँद पर पहुंचने के लिए करीब ३न्दिन तक का समय लगता है।

चंद्रमा पर कौन रहता है?

वैज्ञानिकों के अनुसार चन्द्रमा पर जीवन संभव नहीं है। लेकिन धार्मिक मान्यताओं के अनुसार चन्द्रमा पर चंद्र देव अपनी पत्नियों के साथ रहते हैं।

चांद में सबसे बड़ा पर्वत कौन सा है? – Chand Mein Sabse Bada Parvat Kaun Sa Hai

हम आपको बता दें कि चांद का सबसे बड़ा पर्वत हाइजन है, जिसकी लंबाई लगभग 4700 मीटर है.

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Summary Chand Dharti Se Kitna Dur Hai

धरती से चाँद की दूरी 384,403 किलोमीटर (238,857 मील) है. लेकिन यह दूरी समय से अनुसार बदलता रहता है। क्यूंकि चाँद पृथ्वी का चक्कर लगाते रहता है। इस चक्कर की वजह से दूरी में अंतर होता रहता है।

चाँद का वजन करीब 81 अरब टन तक है। अलग – अलग तरफ से देखने पर इसका परिदृश्य अलग है जो ऊपर दिखाया गया है।

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Ashu Garg

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