Republic Day Speech in Hindi अंग्रेजी कैलंडर का महिना जनवरी से शुरू होता है अब तो भारत देश में भी बहुत कम ऐसे लोग हैं जिन्हें हिंदी महिना पता है. ऐसे में हमें अंग्रेजी कैलंडर का ही सहारा लेना पड़ता है. देश में तीन राष्ट्रिय पर्व मनाया जाता है और 26 जनवरी साल का पहला राष्ट्रिय पर्व है. कुछ भी लिखने से पहले देश की जानता को गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाये. यह राष्ट्रिय त्यौहार सभी संस्थानों में बड़े ही धूम धाम से मनाया जाता है. लेकिन, शिक्षण संस्थानों में इसका कुछ और ही माहौल रहता है. इस दिन बच्चें संगीत, भाषण और अन्य कई एक्टिविटी में भाग लेते हैं. पहले तो सभी के घरों में कुछ ऐसे किताब जरूर होता था जहाँ से Republic Day Speech लिखने का आईडिया मिल जाता था. लेकिन अभी इन्टरनेट युग में गूगल सर्च कर कुछ भी ढूंढ लेते हैं.
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Republic Day Speech In Hindi
सुनने वालों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने के लिए भाषण में जोश और मधुरता दोनों ही दिखना चाहिए. किसी भी भाषण की शुरुआत सुन रहे लोगों के अभिनन्दन से शुरू किया जाना चाहिए. इसमें अपने बारें में और और आप क्या बताना चाहते हैं इसकी जिक्र करनी चाहिए.
वंदेमातरम्, भारत माता की जय !!!
आदरणीय सभापति महोदय, राष्ट्रिय पर्व 26 जनवरी के इस पावन मौके पर आपने मुझे अपने शब्दों को रखने का मौका प्रदान किया इसके लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद. गणतंत्र दिवस के शुभ अवसर पर इस प्रांगन में उपस्थित गणमान्य अथिति, गुरुजन और मेरे प्यारे सहपाठियों आप सभी को Guruji Tips (अपना नाम) की ओर से प्यार भरा नमस्कार!
कुछ नशा तिरंगे की आन है,
कुछ नशा मातृभूमि की शान का है,
हम लहराएँगे हर जगह ये तिरंगा,
नशा ये हिंदुस्तान की शान का है !!
गणतंत्र दिवस हर साल 26 जनवरी को बड़े ही धोम धाम से मनाया जाता है. इस दिन भारतवासी पूरे उत्साह, जोश और सम्मान के साथ देश की बंदगी करता है. राष्ट्रीय पर्व होने के नाते इसे सभी धर्म, संप्रदाय और जाति के लोग बहुत ही हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं. कहीं आपका यह पप्रश्न तो नहीं 26 जनवरी को ही गणतंत्र दिवस क्यूँ मनाया जाता है. इसके पीछे भी एक वजह है. आजादी तो हमें 15 August 1947 में ही मिल गई थी लेकिन, हमारा संविधान लागु होने में 2 वर्ष 11 महिना 18 दिन लग गया था. और अंततः 26 जनवरी 1950 में हमारा संविधान लागु किया गया था.
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26 January Speech In Hindi For Teacher And Student
दिल्ली में 26 january का समारोह प्रतिवर्ष बड़े ही उत्साह से मनाया जाता है. यहाँ राष्ट्रध्वज झंडोतोलन के बाद, तीनो सेना के जवान लहराते हुए तिरंगे को सलामी देते हैं. इस दिन का नज़ारा देखने के लिए कुछ लोग दूरदर्शन से चिपके होते हैं तो कुछ इंडिया गेट से ही इस नज़ारा को देखते हैं. झंडा को सलामी देने के बाद सभी राज्यों के लोग अपने संस्कृति का प्रदर्शन करते हैं. करते है साथ ही भारतीय सेना आपने बल का प्रदर्शन करती है और सारे हथियारों को दिखती है. सेना के जवान तरह तरह के ख़तरनाक कारनामे करते है और लोग तालियां बजा कर उनका हौसला बढ़ाते है. अलग भाषा, वेश, परिवेश, समाज, सभ्यता, संस्कृति होने के बावजूद हमारा देश अनेकता में एकता का सन्देश देती है. सभी राज्य की झांकियां इस मनहर दृश्य को और भी भव्य बना देती है. सभी राज्यों में गणतंत्र दिवस धूम-धाम से मनाये जाता है. गणतंत्र की पूर्व संध्या को राष्टृपति राष्ट्र के नाम सन्देश देते हैं.
क्यों मरते हो यारो सनम के लिए,
ना देगी दुप्पटा कफ़न के लिए,
मरना है तो मारो वतन के लिए,
तिरंगा तो मिलेगा कफ़न के लिए.
200 साल गुलाम रहने के बावजूद भी आज हमारा देश बहुत आगे बढ़ चूका है. यदि कहीं किसी क्षेत्र में हम पीछे हैं तो इसके पीछे सबसे बड़ा हाथ हमारे देश की राजनीती और नेता की है. यदि इस देश की राजनीति में देश के प्रति ईमानदारी आ जाये तो हम विश्व पर शाशन कर सकते हैं. आज NASA, Google, और अन्य बड़ें संस्थानों से में 40 प्रतिशत टॉप मैनेजमेंट के लोग भारत देश से है. भारत वो धरती है जिसने अनेक वीर सपूत पैदा किया है और कर भी रही है. मुझे गर्व हैं कि मैं इस देश का नागरिक हूँ. लेकिन कुछ बातें कभी ऐसी हो जाती है जिससे शर्मशार होना पड़ता है.
“मौत सामने है यह जानते हुए भी देश के नौजवान सेना में भर्ती होने को तत्पर हैं. लेकिन, कुछ लोग अख़बारों में पढ़कर कैसे कह देते हैं. इस देश मैं सुरक्षित नहीं हूँ.”
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26 January Bhashan 2018
आओ तिरंगा लहराये, आओ तिरंगा फहराये;
अपना गणतंत्र दिवस है आया, झूमे, नाचे, खुशी मनाएं,
देश पर कुर्बान हुये शहीदों पर श्रद्धा सुमन चढ़ायेंगे,
विश्व के सबसे बड़े संविधान का खिताब हमने पाया है,
पूरे विश्व में लोकतंत्र का डंका हमने बजाया है,
आओ तिरंगा लहराये, आओ तिरंगा फहराये,
अपना गणतंत्र दिवस है आया, झूमे, नाचे, खुशी मनाएं,
“सारे जहाँ से अच्छा हिन्दुस्तान हमारा,
“सारे जहा से अच्छा हिन्दुस्तान हमारा,
हम बुल बुले है इसके यह गुलशिता हमारा, हमारा, हमारा.
26 January Speech In Hindi
26 January Bhashan स्वतंत्रता शब्द सुनने में तो बहुत अच्छा लगता है लेकिन, इसके लिए बहुत मेहनत करनी पड़ती है. एक छोटे से उदहारण से मैं इसे समझाने का प्रयास करता हूँ और उम्मीद है इसमें मुझे सफलता मिल जाएगी. जब कोई छोटा बच्चा अपने मन से कुछ भी करना चाहता है तो उसे नहीं करने दिया जाता है. उसे सभी काम अपने माता, पिता और परिवार जन के सहमति से करना होता है. जब वह बड़ा हो जाता है तो अपने फैसले खुद से भी लेने लगता है. लेकिन, उसमें भी उसके माता पिता की सहमति होती है. आखिर वो उसके माता पिता है और इसीलिए उसे स्वतंत्र रूप से फैसला लेने दिया जाता है जिससे उसे भी जिन्दगी जीने का तरीका सीखने को मिले और आगे की जिन्दगी के लिए वह सही फैसले ले सके.
अपना देश तो अंग्रेजो के गुलाम था. और राजशाही लोग हमेशा गुलाम रखना चाहते है. हम उनके बच्चे नहीं है इसीलिए वो नहीं चाहते थे कि हम कुछ सीख सकें. हम अपने हिसाब से अपने देश का कानून, वित्तीय व्यवस्था चला सकें. यदि देश वाशी फैसला लेना शुरू कर देते तो सभी फैसले देश हित में लिया जाता. लेकिन आज देश आज़ाद होने के बाद भी हमारे देश के नेता फैसला ही नहीं ले पाते हैं. लोकतंत्र बहुत ही मेहनत और परेशानियों को झेलने के बाद मिल पाई है. लेकिन यह बात शायद अभी भी कुछ पढ़े लिखे लोगों को समझ नहीं आ रही है. यदि ऐसा ही चलता रहा तो वो दिन दूर नहीं कि फिर से गुलाम होना पड़े. आज आजाद देश भी देश वाशी आज़ाद नहीं है. सही मायने में देखा जाये तो कई देश वाशियों को पता ही नहीं है कि हमारा अधिकार और कर्तव्य क्या है? हम हर कम के लिए सरकार और सिस्टम को कोश्ते हैं. जितना हम कोश्ते हैं यदि उसका 10% भी हम खुद से कर लें तो सफलता मिल जाएगी. हमारे देश के कुछ पढ़े लिखे लोग सब कुछ भारत से लेते हैं और जब इस मातृभूमि का कर्ज चुकाने का समय आता है तो दुसरे देश की तरफ रूख कर लेते है.
वक़्त से लड़कर जो अपना नसीब बदल दे,
इंसान वही जो अपनी तकदीर बदल दे,
कल क्या होगा कभी ना सोचो,
क्या पता कल वक़्त खुद अपनी लकीर बदल दे.
अभी भी कुछ नहीं हुआ है यदि आज से भी हम यह प्राण लें कि जियेंगे तो इस वतन के लिए और यदि मरना भी पड़ा तो मारेंगें भी इस वतन के लिए लेकिन मरने से पहले कुछ ऐसा कर जायेंगे कि याद करेगा यह वतन नमन के लिए. हमारा भारतीय संविधान हमें कुछ अधिकार दिया है तो कुछ कर्तव्य भी दिया है. हमें अपने अधिकार और कर्तव्य दोनों का ही इज्जत करना चाहिए. अंत में चंद्रशेखर आजाद के एक लाइन से अपने वाणी को विराम देता हूँ.
अब भी जिसका खून न खौला,
वो खून नहीं पानी है;
जो देश के काम न आये,
वो बेकार जवानी है.
जय हिन्द, जय भारत. भारत माता की जय, भारत माता की जय, भारत माता की जय. इन्कलाब जिंदाबाद.
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उम्मीद करता हूँ यह 26 January Bhashan आपको जरूर पसंद आया होगा यदि इसमें कुछ और भी जोड़ना चाहते हो तो नीचे कमेंट बॉक्स में कमेंट कर बता सकते हो. इसके अलावे भी कुछ शोर्ट भाषण और भी नीचे शेयर किया गया है. इस Republic Day Speech in hindi को भी याद कर 26 जनवरी भाषण में भाग ले सकते हैं.
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26 January Speech in Hindi for Student
आदरणीय सभापति महोदय, प्रांगन में उपस्थित सभी गुरुजन, आगंतुक, अभिवावक गण और मेरे सहपाठियों को मेरा प्यार भरा नमस्कार. मेरा नाम __ है और मैं __ कक्षा में पढता हूँ. मैं बहुत ही सौभाग्यशाली हूँ कि आज 26 January, राष्ट्रिय पर्व के उपलक्ष में मुझे अपनी बातों को रखने का मौका मिला है. कुछ पंक्तियों के साथ मैं आप सब से जुड़ने का प्रयास करता हूँ.
ना जियो घर्म के नाम पर,
ना मरों धर्म के नाम पर,
इंसानियत ही है धर्म वतन का
बस जियों वतन के नाम !!
हमारा देश 15 अगस्त 1947 को अंग्रेजो की गुलामी से आज़ाद जरूर हो गया था. लेकिन सभी शाशन व्यवस्था को सुचारू रूप से चलने के लिए संविधान की जरूरत होती है. वर्ष 1950 में इसी दिन हमारा संविधान लागू किया गया था. जिसे हम सभी देश वाशी हर वर्ष गणतंत्र दिवस के रूप में मनाते हैं. यह देश की तीन राष्ट्रिय पर्व में से एक है. गणतंत्र का अर्थ है देश में रहने वाले लोगों के लिए, जन सहमती से, देश के नेतृत्व के लिये राजनीतिक नेता को चुनने का अधिकार. भारत एक गणतंत्र देश है जहाँ जनता अपना नेता प्रधानमंत्री के रुप में चुनती है. लेकिन दुर्भाग्य की बात है आज तक देश को अच्छा नेता नहीं मिल पाया और यदि मिला तो देश की जानता को वह पसंद नहीं आया.
हमारे राष्ट्रीय ध्वज़ में तीन रंग और 24 बराबर तीलियों के साथ मध्य में एक चक्र है. भारतीय राष्ट्रीय ध्वज़ के सभी तीन रंगों का अपना अर्थ है. सबसे ऊपर का केसरिया रंग हमारे देश की मजबूती और हिम्मत को दिखाता है, मध्य का सफेद रंग शांति को प्रदर्शित करता है जबकि सबसे नीचे का हरा रंग वृद्धि और समृद्धि को इंगित करता है. ध्वज़ के मध्य में 24 बराबर तीलियों वाला एक नेवी नीले रंग का चक्र है जो महान राजा अशोक के धर्म चक्र को प्रदर्शित करता है.
इंडिया गेट के सामने नयी दिल्ली में राजपथ़ पर भारत सरकार द्वारा एक बड़ा आयोजन किया जाता है. हर साल, इस उत्सव की चमक को बढ़ाने के साथ ही “अतिथि देवो भव:” के कथन के उद्देश्य को पूरा करने के लिये एक मुख्य अतिथि को बुलाया जाता है. भारतीय सेना इस अवसर पर परेड के साथ ही राष्ट्रीय ध्वज़ को सलामी देती है. भारत में विविधता में एकता को प्रदर्शित करने के लिये अलग-अलग राज्यों के द्वारा भारतीय संस्कृति और परंपरा की एक बड़ी प्रदर्शनी भी दिखायी जाती है.
हमारे पहले भारतीय राष्ट्रपति डॉ राजेन्द्र प्रसाद जिन्होंने कहा था कि, “एक संविधान और एक संघ के क्षेत्राधिकार के तहत हमने इस विशाल भूमि के संपूर्ण भाग को एक साथ प्राप्त किया है जो यहाँ रहने वाले 130 करोड़ पुरुष और महिलाओं से ज़्यादा के लोक-कल्याण के लिये जिम्मेदारी लेता है”. कितने शर्म से ये कहना पड़ रहा है कि हम अभी भी अपने देश में अपराध, भ्रष्टाचार और हिंसा (आतंकवाद, बलात्कार, चोरी, दंगे, हड़ताल) से लड़ रहें हैं. फिर से, ऐसी गुलामी से देश को बचाने के लिये सभी को एक-साथ होने की ज़रुरत है क्योंकि ये विकास और प्रगति के इसके मुख्य धारा में जाने से अपने देश को पीछे खींच रहा है. आगे बढ़कर इन्हें सुलझाने के लिये हमें अपने सामाजिक मुद्दों जैसे गरीबी, बेरोजगारी, अशिक्षा, ग्लोबल वार्मिंग, असमानता आदि से अवगत रहना चाहिये. डॉ अब्दुल कलाम ने कहा है कि अगर एक देश भ्रष्ट्राचार मुक्त होता है तो इसका सिर्फ एक ही तरीका है इन्हें तीन लोगों से सही ज्ञान मिलना चाहिए. पिता, माता और गुरु. भारत के एक नागरिक के रुप में हमें इसके बारे में गंभीरता से सोचना चाहिये और अपने देश को आगे बढ़ाने के लिये सभी मुमकिन प्रयास करना चाहिये.
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हिंदी हैं हम वतन है हिन्दोस्तां हमारा ,
हम बुलबुले है इसके यह गुलषिता हमारा।
गणतंत्र दिवस की हार्दिक बधाई।
bahut badhiya 26 january bhashan likha gaya hai. Republic day hamare liye bahut hi important din hai is din ko ham bade hi dhoom dham se pure desh me mnate hai.
desh me to kai tyohar manaya jata hai lekin republic day ka kuchh khas hi mahatw hai. yah din pure deh bhar me bade hi dhum dham se manaya jata hai.
Thank You, Basant Ji, for appreciating our post on Republic Day Speech in Hindi